➤ तेज बारिश से हिमाचल में तबाही, मनाली-लेह हाईवे समेत कई सड़कें बंद
➤ लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड से संपर्क मार्ग टूटे, दो की मौत, कई लापता
➤ 170 मौतें, 36 लोग लापता, 289 सड़कें व 346 ट्रांसफॉर्मर ठप
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार सुबह से हो रही भारी बारिश ने फिर से जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन, सड़कें धंसने, पुल टूटने और फ्लैश फ्लड की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। मनाली-लेह हाईवे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जबकि सोलांगनाला से अटल टनल की ओर जाने वाला मार्ग भी धुंधी के पास लैंडस्लाइड के कारण अवरुद्ध है। रानीनाला में सड़क धंसने की स्थिति को देखते हुए रोहतांग रोड को शनिवार सुबह तक बंद कर दिया गया है।
कुल्लू जिले की सैंज घाटी के गाड़ा पारली पंचायत में पुल और सड़कें बह जाने से चार गांवों का संपर्क टूट गया है। मंडी जिले के पंडोह के पास भूस्खलन से मंडी-मनाली नेशनल हाईवे भी बंद पड़ा है।
लाहौल-स्पीति के जिस्पा क्षेत्र में मरशेन नाले में फ्लैश फ्लड की खबर है, जिससे खेतों में मलबा घुस गया और सड़कें बंद हो गईं। चंबा के उदयपुर-किलाड़ रोड पर पूहरा नाले में फ्लैश फ्लड आया, जिससे सड़क बंद हो गई और एक कार बह गई।
मौसम विभाग ने कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। किन्नौर में हल्की बारिश के बाद पागल नाला और रुनंग नाला में बाढ़ आ गई, जिससे नेशनल हाईवे-5 अवरुद्ध हो गया।
राज्य में 289 सड़कें, 346 बिजली ट्रांसफार्मर और कई जल योजनाएं ठप हैं। कांगड़ा में पिछले 24 घंटे में दो लोगों की मौत हुई है – गुलेर गांव में 76 वर्षीय व्यक्ति फिसलने से और शाहपुर के रूलढ़ गांव में चट्टान खिसकने से 41 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई।
सराना गांव में भारी बारिश से ओम प्रकाश का आठ कमरों का पक्का मकान गिर गया। हालांकि इस हादसे में कोई जानहानि नहीं हुई, लेकिन परिवार पूरी तरह से बेघर हो गया।
मानसून के दौरान प्रदेश में अब तक 170 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 30 की मौत बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से हुई है, और 36 लोग अभी भी लापता हैं।
राज्य में अब तक लगभग 1599 करोड़ रुपये की निजी और सरकारी संपत्ति नष्ट हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश शिमला (71% अधिक), मंडी (65%), हमीरपुर (33%) और कुल्लू (30%) में दर्ज की गई है। वहीं लाहौल-स्पीति में 70% कम बारिश दर्ज की गई।



