➤ लगातार भारी बारिश से 4 नेशनल हाईवे समेत 613 सड़कें ठप
➤ मॉनसून में अब तक 194 मौतें, 1600 करोड़ से अधिक का नुकसान
➤ शिमला समेत कई उपमंडलों में आज शिक्षण संस्थान बंद, येलो अलर्ट जारी
हिमाचल प्रदेश में दो दिनों से जारी भारी बारिश ने पूरे प्रदेश में जनजीवन को बुरी तरह अस्तव्यस्त कर दिया है। पहाड़ों पर हो रहे लगातार लैंडस्लाइड, भूस्खलन, और पेड़ों के गिरने की घटनाओं से प्रदेश की 613 सड़कों पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है, जिनमें 4 नेशनल हाईवे भी शामिल हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि अब तक प्रदेश को 1600 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है, हालांकि कृषि और बागवानी क्षेत्र का मूल्यांकन अभी बाकी है। उन्होंने चेताया कि यह आंकड़ा और भी तेजी से बढ़ सकता है।
बारिश के चलते 1491 ट्रांसफार्मर बंद, 265 पेयजल योजनाएं प्रभावित और 448 घर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। इसके साथ ही मॉनसून सीजन में अब तक मौतों की संख्या 194 तक पहुंच चुकी है, जो राज्य में जलवायु आपदा के गंभीर संकेत हैं।
जगत सिंह नेगी ने यह भी कहा कि प्रदेश में जो भारी क्षति हो रही है, उसका बड़ा कारण नदी-नालों के किनारे अतिक्रमण और निर्माण कार्य हैं। उन्होंने उत्तरकाशी की खीरगंगा में बादल फटने से हुए नुकसान पर दुख भी जताया।
भारी बारिश को देखते हुए शिमला जिले के ठियोग, चौपाल, रामपुर, सुन्नी, जुब्बल, कुमारसैन और डोडरा-कवार उपमंडलों में आज यानी 6 अगस्त को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश SDM स्तर पर दिया गया है।
मौसम विभाग शिमला ने आज भी प्रदेश के अधिकांश जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन की संभावनाएं बनी हुई हैं, ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।



