हिमाचल

पहाड़ से हौसले व जन सहयोग के साथ विपदा से उबरने की राह पर कदम बढ़ा रहा हिमाचल

सोमा देवी शिमला शहर के पंथाघाटी में रहने वाली एक वरिष्ठ नागरिक हैं। गत दिनों वे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से विशेष तौर पर मिलने पहुंचीं और अपनी एक माह की पेंशन 61 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अंशदान के रूप में प्रदान की।

इसी तरह अवनि सिंह ने अपने 15वें जन्मदिवस पर मुख्यमंत्री से भेंट की और उन्हें 51 हजार रुपए राहत कोष के लिए प्रदान किए। यह राशि उन आपदा प्रभावितों को सहारा देने के लिए स्वेच्छा से प्रदान की गई जिन्होंने भारी बारिश, बाढ़ एवं भू-स्खलन के कारण चंद पलों में ही जिंदगी को बिखरते हुए देखा है।

इस प्राकृतिक आपदा में कई लोग हमेशा के लिए अपनों से बिछुड़ गए और सैकड़ों ने अपनी जीवन भर की मेहनत से बनाये आशियाने खो दिए। सोमा देवी, अवनि सिंह जैसे हजारों लोग विपदा की इस घड़ी में प्रभावित परिवारों की मदद के लिए प्रदेश सरकार के हमराह व सहयोगी बन रहे हैं ताकि पहाड़ों का वह जज्बा कायम रहे कि संकट को सीने पर सहते भी हैं और इससे उबर कर पुनः खड़े होने का हौसला भी रखते हैं।

इस बरसात जुलाई और अगस्त माह में बहुत भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में तबाही का एक ऐसा दौर शुरू हुआ जिसमें 330 से अधिक लोग असमय काल का ग्रास बने हैं। इसके अलावा निजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा से मिले जख्मों को भरने व प्रभावितों की मदद के लिए अनेक लोग एवं संस्थाएं प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से सहयोग कर रही हैं और हजारों की संख्या में सहायता के लिए हाथ बढ़े हैं।

इस वर्ष बरसात में बादल पिछले 50 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक बरसे हैं जिस कारण सड़क अधोसंरचना, जल आपूर्ति परियोजनाएं, विद्युत लाईनें, भवन, निजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति बड़े स्तर पर क्षतिग्रस्त हुई है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अवरूद्ध मार्गों तथा बाढ़ के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे लगभग 80 हजार लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश सरकार ने आपदा के प्रथम दिन से ही राहत एवं बचाव सहित पुनर्वास कार्यों के लिए प्रभावी एवं ठोस कदम उठाए हैं।

मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कोष-2023 स्थापित करने का सराहनीय निर्णय लिया और लोगों से इसमें सामर्थ्य अनुसार अंशदान करने की अपील की ताकि केंद्र से सीमित सहायता के बीच ऐसी कठिन स्थिति में इस कोष के माध्यम से अधिक से अधिक प्रभावितों को सहायता प्रदान की जा सके। कोष की स्थापना से अब तक समाज के सभी वर्गों की ओर से सहयोग मिला है और 2 सितम्बर तक इसमें 163 करोड़ रुपये से अधिक का अंशदान प्राप्त हो चुका है।

प्रदेश में स्थित शक्तिपीठों ने भी आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए इस कोष में अंशदान दिया है। ज्वालामुखी मंदिर न्यास ने 5 करोड़ रुपये, मां श्री चिंतपूर्णी ट्रस्ट ने दो करोड़ रुपये प्रदान किए, वहीं तारा देवी मंदिर, संकटमोचन मंदिर शिमला अन्य न्यास व संस्थान भी इसमें सहयोग राशि प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न स्वयं सेवी व सामाजिक संगठनों, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों सहित अन्य संस्थाओं, परियोजना प्रबंधन, उद्योग वर्ग इत्यादि ने भी राहत कोष में उदारतापूर्ण योगदान किया है।

प्रदेश ही नहीं अपितु बाहरी राज्यों से भी इस कोष में राशि प्रदान की जा रही है। विभिन्न राज्य सरकारों ने इसमें अपना योगदान दिया है। राजस्थान व कर्नाटक सरकार ने 15-15 करोड़ रुपये, छतीसगढ़ ने 11 करोड़ रुपये, तमिलनाडू ने 10 करोड़ रुपये और हरियाणा सरकार ने 5 करोड़ रुपये की सहयोग राशि प्रदान की है।

मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों, मुख्य संसदीय सचिवों और सभी विधायकों ने अपने एक माह का वेतन इस कोष में दान दिया है। प्रदेश की प्रगति में सदैव कर्तव्यनिष्ठ रहने वाले कर्मचारी वर्ग ने भी अपने एक दिन का वेतन इस कोष में दान दिया है। विभिन्न कर्मचारी संगठन अपने स्तर पर भी राशि एकत्र कर इसमें दान कर रहे हैं।

आपदा प्रभावितों की मदद के लिए इच्छुक व्यक्ति एवं संस्थाएं आपदा राहत कोष-2023 पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से अंशदान कर सकती हैं। इसके अलावा नेट बैंकिंग, क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड, यूपीआई, क्यूआर कोड, चेक अथवा डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से भी कोष में सहायता राशि प्रदान की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा की इस घड़ी में अतुलनीय योगदान के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अंशदान प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने और उनके पुनर्वास में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेशवासियों के समन्वित प्रयासों से हिमाचल इस आपदा से उबर कर पुनः और मजबूती के साथ उठ खड़ा होकर प्रगति पथ पर आगे बढ़ेगा।

Kritika

Recent Posts

ध्रोबिया में सड़क निर्माण से खुशी की लहर, पूर्व विधायक काकू ने दिया विकास का संदेश

Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…

9 hours ago

पर्यटन निगम को राहत: 31 मार्च तक खुले रहेंगे 9 होटल, हाईकोर्ट का फैसला

High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…

10 hours ago

एनसीसी दिवस: धर्मशाला कॉलेज में 75 यूनिट रक्तदान, नशा मुक्ति का संदेश

NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…

11 hours ago

शनिवार से कुंजम दर्रा यातायात के लिए पूरी तरह बंद , नोटिफिकेशन जारी

Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…

11 hours ago

महाराष्ट्र-झारखंड नतीजों के बीच शिमला में राहुल और सोनिया गांधी

Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…

11 hours ago

मां का खौफनाक कदम: दो बच्चों की हत्या कर खुदकुशी करनी चाही पर नहीं आई मौत

Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…

12 hours ago