एलन मस्क के क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट देने के बाद Bitcoin एक बड़ी चीज बन गई है. डोजकॉइन और बिटकॉइन जैसे डिजिटल करेंसी की वैल्यू एलन मस्क के ट्वीट्स के अनुसार बढ़ती और घटती है. लेकिन कुछ ऑनलाइन स्कैमर्स मस्क के ट्वीट का गलत इस्तेमाल कर के लोगों को धोखा दे रहे हैं
ऐसा ही एक ताजा मामला हिमाचल में पेश आया है जहां बिटकाइन का फर्जी साफ्टवेयर बनाकर लोगों से करोड़ों की ठगी की गई. इस मामले में हिमाचल के करीब 900 लोग इस ठगी के शिकार हुए हैं. मंडी जिले के बल्ह हलके के कुछ लोग भी ठगी का शिकार हुए हैं. आरोपियों ने करीब 25 करोड़ रुपये लगवाए थे. पुलिस ने आरोपितों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं. बल्ह थाना में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित चंडीगढ़ निवासी अशविंद, वीरेंद्र व हमीरपुर के संजीव कुमार, सुशील और राजीव के बैंक खातों को सीज कर दिया था. इनके खातों से 20 लाख रुपये बरामद हुए थे. इन्हें शिकायतकर्ता को दिया गया था. ठगी के इस मामले में अब आरोपियों की संपत्ति जांच का मामला ईडी यानी प्रर्वतन निदेशालय को भेजा जाएगा.
अब पुलिस ने इस मामले में बड़ी संख्या में पैसा होने के चलते इस मामले को ईडी को सौंपने की तैयारी कर ली है. इसके लिए चारों आरोपितों की संपत्ति की जांच की जा रही है. यह देखा जा रहा है कि अगर फर्जी साफ्टवेयर के जरिए इतना पैसा इकट्ठा किया गया है तो इसे कहां लगाया गया. जांच में यह बात सामने आई कि जब लोगों को उनके पैसे नहीं मिल रहे थे, तो आरोपितों ने बिटकाइन की साइट के हैंग होने का हवाला दिया था, ताकि लोग इसमें पैसा लगाना जारी रखें.
लगभग तीन से चार महीने इसी तरह से निकाले गए. इसके बाद भी जब लोगों को पैसा नहीं मिला तो आरोपित के मोबाइल फोन नंबर भी बंद हो गए. इसके बाद बल्ह थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई तो मामले का पर्दाफाश हुआ.
एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस मामले को ईडी को देने की तैयारी कर रही है. रविवार को मंडी में बिटकाइन के नाम पर फर्जी वेबसाइट के जरिये करीब ढाई करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया था. इसके बाद पुलिस ने पांच आरोपियों को पकड़ा है. आरोपियों की पहचान अशविंद्र सिंह व वीरेंद्र प्रीत सिंह पुत्र कुलजीत सिंह, मकान नंबर 152, ब्लाक एन शिवालिक बिहार, नया गांव एसएएस नगर मोहाली (पंजाब), संजीव कुमार निवासी सुधवाहन, डाकघर सुधयाल, तहसील नादौन (हमीरपुर), सुशील जरयाल निवासी बैरी, डाकघर भुक्कर, तहसील भोरंज, राजीव वर्मा निवासी गांव व डाकघर बाड़ी (हमीरपुर) के रूप में हुई है. शातिर करीब डेढ़ साल से नकली बिटकाइन का साफ्टवेयर बनाकर ठगी को अंजाम दे रहे थे.
शातिरों ने पंजाब और मुंबई में बिटकाइन का नकली साफ्टवेयर तैयार करवाया था. इसके बनने के बाद इन्होंने अपने चेन सिस्टम बिजनेस को आगे बढ़ाया और लोगों से पैसे ठगना शुरू कर दिए. कई लोगों के इसमें पांच से 10 लाख रुपये तक फंसे हैं.
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