कहरनुमा इस बारिश ने हर जगह तबाही की है. शनिवार को भी बारिश का यह खौफ जारी रहा और लगातार बारिश से लोग सहमे रहे. जिले तबाही इतनी है कि इसका आकलन करने में भी प्रशासन को कई दिन लग जाएंगे. कई लोग ऐसी तबाही पहली बार देखने का भी दावा कर रहे हैं. इसके लिए पर्यावरण से छेड़छाड़, वाहनों के बढ़ते दबाव, कंकरीट के खड़े होते जंगलों, अंधाधुंध निर्माण, खनन व बेतरतीब निर्माण को दोषी माना जा रहा है. इनमें अधिकांश सरकारी भवन है जो बाढ़ की चपेट में आए हैं.
मंडी पठानकोट, मंडी मनाली, मंडी कुल्लू वाया कटौला जो मुख्य मार्ग है इनके साथ साथ जिले की लगभग सभी सड़कें भूसख्लन से बाधित हुई हैं. मंडी मनाली, मंडी पठानकोट व मंडी कुल्लू वाया कटौला मार्ग पर हजारों वाहन कई कई घंटे तक फंसे रहे. हजारों लोग परेशान हुए. मंडी कुल्लू मार्ग पर पंडोह बांध के नजदीक एक बड़ी चट्टान ने सड़क पर चलते ट्क को चकनाचूर कर दिया, एक कार को तोड़ डाला, चालक बाल बाल बचे. कई जगह पर लोग जान जोखिम में डाल कर अपने घरों तक पहुंचने के लिए वाहनों को पानी मलबे से निकालते रहे.
जिले में हजारों मकान व गौशालाएं भूसख्लन के चलते असुरक्षित हो गई हैं. स्थानीय प्रशासन ने कई लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने को कहा है. मंडी शहर के साथ लगते बाड़ी गुमाणू में भी बादल फटने से भारी तबाही हुई है. कई मवेशी जिंदा ही इससे आई बाढ़ में बह गए, शहर के खलियार में मलबा आने से यह मंडी पठानकोट मार्ग कई घंटे बंद रहा. यही मार्ग उरला के पास भी बंद रहा. खलियार के डीएवी सेंटनेरी स्कूल भवन में पीछे से ल्हासा आने भारी नुकसान हुआ. गनीमत यह रही कि स्कूल में छुट्टी थी अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो जाता.
इधर, डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने कहा कि अभी बारिश का कहर दो दिन और जारी रहेगा. लोग सतर्क रहें. उन्होंने बताया कि काशन गांव हादसे में मौत का शिकार हुए सभी लोगों के शवों को निकाल लिया गया है. मौके पर भी पोस्टमार्टम के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने टीम भेज दी है. दूसरे हादसों में लापता लोगों की भी तलाश जारी है. प्रशासन प्रभावितों को हर संभव मदद देने में जुटा है.