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हिमाचल हाई अलर्ट पर, डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द, बिजली परियोजनाओं पर बढ़ी सुरक्षा, ड्रोन से निगरानी

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  • पहलगाम हमले और एयर स्ट्राइक के बाद हिमाचल प्रदेश हाई अलर्ट पर

  • अस्पतालों में 24×7 सेवाएं, डॉक्टरों की छुट्टियों पर रोक

  • रणनीतिक बिजली परियोजनाओं वाले क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा प्रबंध



शिमला — पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता चरम पर है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने और विशेष निगरानी बनाए रखने के निर्देश जारी किए हैं। इसी के तहत हिमाचल प्रदेश में भी व्यापक सतर्कता बरती जा रही है।

प्रदेश सरकार ने विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तैयारियां तेज कर दी हैं। राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को 24 घंटे ट्रॉमा, लैब और इमरजेंसी सेवाओं के लिए पूरी तरह सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की लंबी छुट्टियों पर रोक लगा दी है ताकि किसी भी आपात स्थिति में चिकित्सकीय व्यवस्था प्रभावित न हो।

बिजली परियोजनाओं वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता
हिमाचल प्रदेश के चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में कई राष्ट्रीय महत्व की जलविद्युत परियोजनाएं स्थित हैं। इन क्षेत्रों को सामरिक दृष्टि से संवेदनशील मानते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। राज्य पुलिस, होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीमों को इन क्षेत्रों में तैनात किया गया है। बिजली परियोजनाओं के मुख्य द्वारों और नियंत्रण केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की निगरानी बढ़ा दी गई है। इन स्थलों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है और बाहरी लोगों की आवाजाही को सीमित कर दिया गया है।

एयर कनेक्टिविटी स्थगित, दवाइयों और ऑक्सीजन का भंडारण
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि सुरक्षा कारणों से राज्य की एयरपोर्ट कनेक्टिविटी अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है। शिमला, धर्मशाला और भुंतर एयरपोर्ट्स पर उड़ानों को रोका गया है ताकि कोई भी असामान्य गतिविधि या खतरा राज्य में प्रवेश न कर सके।

सभी अस्पतालों को आवश्यक दवाइयों, जीवन रक्षक औषधियों, ऑक्सीजन सिलेंडरों और चिकित्सा उपकरणों का भंडारण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, इमरजेंसी स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है ताकि किसी भी आतंकी या आपदा की स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

सर्वदलीय समर्थन और प्रशासनिक एकता
इस बीच केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर स्थिति की जानकारी दी है। विपक्षी दलों ने भी सरकार के रुख का समर्थन किया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार पूरी तरह से केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्कता बनाए रखना अनिवार्य है। साथ ही, उन्होंने जनता से अपील की है कि अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।