वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने भोरंज के केहरवीं में चमुखा शिव मंदिर के नव निर्मित सरायं भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान उम्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे धर्म को बचाकर रखने में हमारे समाज की नारी शक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. उन्होंने कहा कि नारीशक्ति के सामर्थ्य को पहचानते हुए उन्होंने सरकार में रहते हुए पंचायत चुनावों में महिलाओं के 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की थी. लेकिन इसके साथ ही इस बात को भी न भूलना चाहिए कि जिस तरह शरीर के हर अंग का महत्व है उसके बिना मानव अधूरा है उसी तरह महिला और पुरुष दोनों ही समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और एक दूसरे के बिना अपूर्ण हैं. स्वयं भगवान शिव भी अर्द्धनारीश्वर स्वरूप हैं. इसलिए सबको मिलकर चलना होगा तभी समाज आगे बढ़ सकता है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी का मतलब ही वास्तव में सांस्कृतिक जागरण है. हमारी संस्कृति ही हमारा इतिहास है. एक दौर ऐसा आया जब हमें हमारा इतिहास बुलाकर हमारी मानसिकता ही गुलामी वाली कर दी गई तब हम आगे नहीं बढ़ पाए. यह वह दौर था जब आर्यों ने मुगलों ने और फिर अंग्रेजों ने हम पर शासन किया. हमारी सांस्कृतिक विरासत को हमारी मान्यताओं को हमारे विश्वास को विदेशियों ने दकियानूसी और अंधविश्वासी का नाम दे दिया. लेकिन आज पूरा विश्व धीरे-धीरे उन्हीं हमारी वर्षों पुरानी चले आ रही मान्यताओं को अपना रहा है. आज विश्व में पर्यावरण को वृक्षों को नदियों को बचाने की बातें हो रही हैं हमारे बड़े बुजुर्ग जिनकी पूजा किया करते थे. हमें यह बात समझनी होगी कि हमारा इतिहास हमारी सांस्कृतिक विरासत गौरवशाली है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर महाराणा प्रताप जब भी रणभूमि में उतरते थे तो पहले चमुखा शिव महादेव की पूजा आराधना किया करते थे. उन्होंने कहा कि मंदिर और पूजा स्थल हमें यह बात सिखाते हैं कि हमें पूरे दिन भर में कम से कम कुछ समय तो ऐसा निकालना चाहिए जब हम ध्यान में बैठे और इस बात का चिंतन करें कि आज हमने क्या भला काम किया किसी का दिल तो नहीं दुखाया. उन्होंने सरायं भवन के निर्माण में योगदान देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया.