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कसुम्पटी विधानसभा में इस बार नहीं चलेगी दारू, दबंगता और देवता के नाम की राजनीति: CPIM

पी.चंद |

हिमाचल प्रदेश में चुनावी सियासत उफान पर है. सियासी दलों ने मोर्चा संभाल लिया है. सीपीआईएम ने आगामी 14वीं विधानसभा के लिए 11 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. इसी कड़ी में कसुम्पटी से चुनावी मैदान में उत्तर रहें कुलदीप तंवर ने सीपीआईएम को तीसरा विकल्प बताया है. उनका कहना है कि लोग भाजपा और कांग्रेस की ध्रुवीकरण की राजनीति से तंग आ गई हैं. इस बार लोग विकास के लिए वोट करेंगे.

सीपीआईएम नेता व कसुम्पटी विधानसभा से प्रत्याशी कुलदीप तंवर ने कहा कि जनता का विश्वास मुख्य पार्टियों में नहीं रह गया हैं, क्यूंकि सरकार बनने पर कौन किस पार्टी में शामिल हो जाए यह मालूम नहीं हैं. 13 वीं विधानसभा में सीपीआईएम प्रत्याशी राकेश सिंघा ने जीत दर्ज की. सीपीआईएम को लोग अब तीसरे विकल्प के रुप में देख रही हैं. उन्होंने कहा की कसुम्पटी में पिछले दस सालों से कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन काम के नाम पर कुछ नहीं हुआ.

कसुम्पटी की 36 पंचायतों में शिक्षा, स्वास्थ्य सड़क व परिवहन की हालत प्रदेश की कई दुर्गम पंचायतों से भी बदतर हैं. स्कूलों की हालत खस्ता हैं भवन जर्जर हैं स्टॉफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र में 2003 के बाद कोई नया काम नहीं हुआ. यहां के विधायक लोगों के बीच दारू, दबंगता ओर देवता के नाम की राजनीति कर रहें हैं लेकिन अब जनता सब जान गई हैं. विकास ही मुद्दा हैं जिस पर लोग वोट का इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने बताया कि सीपीआईएम इस बार पंद्रह प्रत्याशी मैदान में उतारेगी.