'मुख्यमंत्री जी- मेरे पापा को बचा लो,
अपने राहत कोष से कुछ राहत हमें भी दे दो'
ये बात एक 7 साल की बच्ची कह रही है, जिसके पापा की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। हालांकि, उन्हें किडनी डोनर भी मिल चुका है, लेकिन इलाज के लिए लाखों के खर्च ने उनकी उम्मीद पर बाधा का पुल बना दिया है।
दरअसल, हमीरपुर के 32 साल के मनोज को मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से पूरी उम्मीद है। मनोज काफी गरीब परिवार से संबंध रखते हैं और पिछले एक साल से वे किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। उनकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं और पीजीआई चंडीगढ़ में उनका इलाज लगातार जारी है। इसी बीच अब उन्हें एक किडनी डोनर भी मिल गया है, लेकिन इलाज के लिए लाखों का खर्च उन्हें नया जीवन देने में बाधा बना हुआ है।
उनके परिवार ने कई दफा अधिकारियों से बातचीत कर मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाने को कहा, लेकिन हर बार उनके आश्वासनों ने उन्हें निराशा ही दी। वहीं, मनोज की पत्नी रमा(23) में हमीरपुर में मुख्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के 16 जून को होने वाले कार्यक्रम से उम्मीद लगाए बैठी हैं। इस संदर्भ में रमा ने स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर को भी अवगत करवाया ताकि उन्हें कुछ मदद मिल सके।
यहां तक कि पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद मिलने की पूरी उम्मीद है, जिसके लिए बकायदा उन्होंने फोन नंबर भी दिया है। सहायता के लिए 88946-67805 मोबाइल नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।
(विज्ञापन के नीचे स्क्रॉल करें…)
ग़ौरतलब है कि मुख्यमंत्री राहत कोष का पैसा अक्सर जरूरतमंद लोगों को दिया जाता है। लेकिन, जिन लोगों को इन पैसों की जरूरत होती है वे कैसे मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाए, ये एक बड़ी समस्या है। हालांकि, उच्च औधे पर बैठे अधिकारियों से इसके बारे में बात भी की जाती है, लेकिन वे आश्वासन देकर हमेशा लोगों को छकाते रहते हैं।