आंगनबाड़ी ठियोग प्रोजेक्ट द्वारा अपनी मांगों को लेकर डीसी ऑफिस शिमला के बाहर प्रदर्शन किया गया। यूनियन राज्याध्यक्ष खीमी भंडारी ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने प्री नर्सरी को प्राथमिक स्कूलों में चलाने की अधिसूचना जारी करके आंगनबाड़ी कर्मियों के रोजगार पर हमला किया है। इसके खिलाफ आंगनबाड़ी कर्मी आंदोलन तेज़ करेंगे। केंद्र की मोदी सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है और आंगनबाड़ी वर्करों के मानदेय में 1500 रुपये तथा हेल्परों के मानदेय में 750 रुपये बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से ली जाने वाली 6 मुख्य सेवाओं को आहिस्ता-आहिस्ता खत्म करके उनके रोजगार पर हमला किया जा रहा है। मोदी सरकार को उनके इन मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। वहीं, जिलाध्यक्ष पिंगला गुप्ता ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्री नर्सरी कक्षाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में ही चलाई जाएं और आंगनबाड़ी वर्करों को ही यह जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि हरियाणा औऱ केरल की तर्ज़ पर हिमाचल में आंगनबाड़ी कर्मियों को 12 हज़ार रुपये वेतन दिया जाए।