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क्या है वायरल कर्फ्यू पास की सच्चाई? क्या रसूखदारों को पास दे रहे प्रशासन?

डेस्क |

हिमाचल प्रदेश को कोरोना के चलते कर्फ्यू लगा है। बाहरी राज्यों से जरूरी सामान के अलावा सेवाएं पूरी तरह बंद हैं। हालात बिगड़ने पर सरकार ने जिलों पर भी सख़्ती बढ़ाई और एक से दूसरे जिले में जाने की अनुमति बंद की गई। ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन की छवि पर सवाल खड़ा करने वाला एक कर्फ्यू पास सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है।

इस पास की जानकारी जुटाएं तो ये पास लेखराम ठाकुर पुत्र शिम राम निवासी का है। इस पास में लेख राम ठाकुर ने अपने भतीजे को हरियाणा से लाने की अनुमति मांगी है जिसे प्रशासन ने स्वीकार किया है। 2 अप्रैल को बने इस कर्फ्यू पास में बकायदा पास का कारण और गाड़ी का नंबर वगैराह सब दिखाई पड़ रहा है। अब सवाल ये उठता है कि आख़िरकार सरकार के आदेशों के बावजूद भी किसकी अनुमति पर प्रशासन(सब डिविजन मेजिस्ट्रेट) ने ये कर्फ्यू पास बनाया…??

सोशल मीडिया पर इस पास का बीजेपी नेता से संबंध होने की बात और रसूख़दार होने की बात कही जा रही है। लेकिन अभी तक जिला प्रशासन और सरकार की ओर इसकी कोई जांच नहीं हुई। कर्फ्यू पास के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बिलासपुर जिला प्रशासन और सरकार की ख़ूब फ़जीहत भी हो रही है। बाहर रह रहे हिमाचली और जिनके बच्चे बाहरी राज्यों में फंसें हैं वे लगातार सवाल कर रहे हैं कि क्या सिर्फ रसूख़दार और चेहतों को ही बाहरी राज्यों से लाने की अनुमति ही। उनके लिए कर्फ्यू और सरकार के आदेश माइने नहीं रखते…???

कहा तो ये भी जा रहा है कि इस पास के जरिये लेखराम अपने भतीजे को घर भी ले आएं हैं और वे भी बिना किसी क्वारंटाइन के… ऐसे में सवाल ये भी खड़ा होता है कि क्वारंटाइन के आदेश और कोरोना वायरस रसूख़दारों से दूर रहता है क्या…?? लोग लगातार सवाल कर रहे हैं कि जब रसूख़दारों के बच्चे घर वापसी कर रहे हैं तो आख़िरकार उनके बच्चों को बाहरी राज्यों से लाने में सरकार को क्या परेशानी है…?? हम अपने बच्चों को सांत्वना दे रहे हैं लेकिन चेहतों के ही पास बनेंगे तो सरकार और जिला प्रशासन को हमारे बच्चों पर भी ग़ौर करना चाहिए।

यूं तो सरकार और जिला प्रशासन के आदेशों पर हर जरूरत मंद लोगों को कर्फ्यू पास मिल रहे हैं लेकिन क्या बिलासपुर जिला प्रशासन इन पास की जांच पड़ताल करके पास इशू कर रहा है??