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कर्फ्यू पास जारी करने में दोहरे मापदंड, जनता हो रही परेशान

डेस्क |

कोरोना महामारी के चलते बाहर फंसें लोग काफी समय से हिमाचल अपने घरों में आना चाह रहे थे। लेकिन अब जब हिमाचल में स्थिति कंट्रोल हुई तो सरकार ने आने के लिए कह दिया है लेकिन इसके लिए पास होना जरूरी है। लेकिन इस पास को लेकर भी कई तरह दिक्कतें आ रही है जिसमें प्रशासन की भी कुछ नाकामियां सामने आ रही है। अब जब बॉर्डर इलाकों में लोगों को भीड़ इक्टठा हो रही है और बेझिझक लोगों को एंट्री मिल रही है तो एक तरह से ख़तरा भी बढ़ने लगा है। ऐसे में सरकार ने कुछ हद तक कर्फ्यू पास बनान में लापरवाही भी बरती है जिसे एक हिमाचल के वरिष्ठ पत्रकार ने उजागर किया।

अपने फेसबुक पेज में पत्रकार ने लिखा कि 'जब एक वकील ने हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका डाली कि सरकार बाहर से लोगों को लाने में दोहरे मापदंड अपना रही है और सभी को लाने का इंतजाम करना चाहिए तो उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि इसमें मेरिट नहीं है और याचिकाकर्ता के पास साक्ष्य नहीं हैं। सरकारी वकील का कहना था कि सरकार ने पहले ही इस संबंध में पर्याप्त इंतजाम कर दिए हैं। जबकि बॉर्डर पर लग रही भीड़ और टेस्टिंग के बिना भगवान भरोसे लोगों को अंदर भेजा जाना सरकारी दावों की पोल खोल रहा है। आमतौर पर कोर्ट ऐसे मामलों पर स्वत: संज्ञान ले लिया करते थे मगर अब तो याचिकाओं को ही खारिज कर दिया जा रहा है।

जमीनी हकीकत यह है कि पूरे प्रदेश को इस संबंध में भ्रम में रखा गया है। लोगों के पास रिजेक्ट हो रहे हैं और वे बाहर से प्रदेश लौटना तो दूर, अपने ही राज्य में इधर से उधर जाने के पास नहीं ले पा रहे। बाहर से हिमाचल लौटना चाह रहे लोग कैसे परमिट के लिए अप्लाई कर सकते हैं, इसके लिए शुरू में कांगड़ा जिले के डीसी के अलावा किसी न सही जानकारी नहीं दी। होना यह चाहिए था कि अगर सरकार वाकई लोगों को लौटाना चाहती थी तो ढंग से इसकी सूचना जारी करती।

सिर्फ कांगड़ा प्रशासन ने इसके लिए अपना अलग पोर्टल बनाया था। बाकी जिलों के लोगों को covidepass.hp.gov.in के जरिये आवेदन करना था और यह संदेश भी सरकार की ओर से सीधे नहीं दिया गया बल्कि डीडी शिमला के फेसबुक पेज वगैरह के माध्यम से लोगों तक पहुंचा। मैंने भी इस वेबसाइट के जरिये मंडी प्रशासन से पास के लिए आवेदन किया। मुझे एक एप्लिकेशन नंबर दिया गया। चार दिनों तक एप्लिकेशन पेंडिंग रही और आज कहा जा रहा है कि डीटेल्स ही मैच नहीं हो रही है। ऐसा कैसे हो सकता है?

साथ ही कोविड पास जारी करने के लिए जो फॉरमैट बनाया है, उसमें भी खामियां हैं। फॉर्म में यह लिखने के लिए अलग से विकल्प नहीं दिया गया है कि आपके साथ कौन आ रहा है। साथ ही, वे ही आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास अपनी गाड़ी है। बाकी लोगों का क्या? अगर वे टैक्सी से आना चाहें तो टैक्सी वाला तो तभी तैयार होगा जब पास देखेगा। कुल मिलाकर बात यह है कि अगर आप आम आदमी हैं तो लॉकडाउन खुलने का इंतजार कीजिए और दुआ कीजिए बेतरतीब ढंग से जिन लोगों को आने दिया गया, उनमें कोई संक्रमित न हो।'

Note: लेखक वरिष्ठ पत्रकार आदर्श राठ़ौर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से ताल्लुक रखते हैं ।