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पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी हिमाचल को ग्रीन बोनस का हक: मुख्यमंत्री सुक्खू

हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रही सरकार
ई-बसों और ई-टैक्सियों से प्रदूषण घटाने की पहल जारी
ग्रीन बोनस के लिए हिमाचल ने केंद्र से मजबूत दावेदारी पेश की



मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और इसके लिए ग्रीन बोनस का हकदार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके तहत 31 मार्च 2026 तक इस दिशा में ठोस परिणाम हासिल करने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कुल ऊर्जा खपत लगभग 14,000 मिलियन यूनिट है, जिसमें से 12,600 मिलियन यूनिट ऊर्जा नवीकरणीय और हरित स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे राज्य न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि औद्योगिक और कृषि क्षेत्र को भी सीधा लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र में ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) द्वारा डीज़ल बसों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों से बदला जा रहा है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 16-20 प्रतिशत तक की कमी आई है। निगम ने 412 करोड़ रुपये की लागत से 297 ई-बसों की खरीद के लिए निविदाएं जारी की हैं, जबकि 124 करोड़ रुपये की लागत से ई-चार्जिंग स्टेशन भी बस अड्डों पर बनाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में 500 और ई-बसें खरीदी जाएंगी, जिससे हिमाचल का परिवहन तंत्र पूरी तरह हरित दिशा में परिवर्तित होगा। इसके अलावा, राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत ई-टैक्सियों की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। अभी तक 59 युवाओं को 4.22 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है, जबकि 61 अन्य लाभार्थियों को जल्द राशि जारी होगी।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि राज्य में छह ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं, जहां ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन और रखरखाव की सुविधाएं उपलब्ध हैं। आने वाले समय में 41 नए चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ई-वाणिज्यिक वाहनों को 100 प्रतिशत रोड टैक्स और 50 प्रतिशत विशेष रोड टैक्स में छूट दी गई है।

उन्होंने बताया कि राज्य में चल रहे पेट्रोल और डीज़ल ऑटो रिक्शा को ई-ऑटो रिक्शा से बदला जा रहा है और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए 1000 नए बस रूटों के परमिट जारी किए जा रहे हैं। इन रूटों पर ई-बसों और टैम्पो ट्रैवलर्स को भी 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को ‘लंग्स ऑफ नॉर्थ इंडिया’ कहा जाता है क्योंकि यह राज्य देश को स्वच्छ हवा, पानी और पारिस्थितिकीय संतुलन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने केंद्र सरकार और 16वें वित्त आयोग के समक्ष पर्यावरणीय योगदान का तकनीकी व वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रस्तुत किया है। इसके आधार पर राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 90,000 करोड़ रुपये के ग्रीन बोनस का अधिकार बनता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का हर विकास कार्य पर्यावरण हितैषी दृष्टिकोण से होगा। सरकार कृषि, बागवानी, पशुपालन, उद्योग और परिवहन जैसे सभी क्षेत्रों में सतत विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रही है।