Follow Us:

स्वास्थ्य विभाग निदेशक को रिमांड पर भेजा, स्पेशल कोर्ट में हुई सुनवाई

पी. चंद |

कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के उपकरण खरीद घोटाले में विजिलेंस के शिकंजे में फंसे स्वास्थ्य विभाग के निदेशक अजय गुप्ता को बीते कल अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कैथू जेल से  शिमला जिला अदालत में पेश किया गया। कोरोना कर्फ़्यू के चलते कोर्ट बन्द है बावजूद इसके आज उन्हें जिला अदालत में जिला सेशन जज अरविंद मल्होत्रा की विशेष अदालत में पेश किया गया। जहां से गुप्ता को पांच दिन 30 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इससे पहले 28 मई को गुप्ता की ज़मानत याचिका पर सुनवाई की तारीख़ तय की गई है।

विजिलेंस के डिस्ट्रिक्ट एटॉर्नी संदीप अत्री ने बताया कि आरोपी को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। अभी मामले में जांच की जा रही है और सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है। इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है। लेन-देन मामले में गिरफ्तार स्वास्थ्य निदेशक के वकील बोले एके गुप्ता निर्दोष है। कमेटी की देख-रेख में होती स्वास्थ्य उपकरण की खरीद की जाती है। अभी तक ऑडियो की सत्यता की अभी तक जांच नहीं की गई है। यदि मामले में एके गुप्ता दोषी है तो स्वास्थ्य उपकरण खरीद के लिए बनी कमेटी भी उतनी ही दोषी है।

उन्होंने कहा कि परवेंशन ऑफ करप्शन सेक्शन-7, 8 के तहत गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। 7 सेक्शन में लेने वाले के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाती है जबकि 8 में देने वाला के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाती है। यहां रिश्वत लेने वाले स्वास्थ्य निदेशक को तो गिरफ्तार कर लिया जबकि रिश्वत देने वाले पृथ्वी सिंह को गिरफ़्तार नहीं किया है। जब ई-टेंडरिंग में टेंडर नहीं मिला तो ये ऑडियो वायरल कर दी गई।

गुप्ता को विजिलेंस ने 20 मई की रात को गिरफ्तार किया था तब से लेकर खराब स्वास्थ्य के चलते वह IGMC में भर्ती थे। सोमवार को उन्हें कैथू जेल शिफ्ट किया गया था। गुप्ता को स्वास्थ्य विभाग में मेडकिल ख़रीद घोटाले में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। एक 43 सेकंड का ऑडियो वायरल होने के बाद गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। अब मामले के तार भाजपा नेताओं के साथ भी जुड़े होने की बात कही जा रही है।