➤ हिमाचल में आज से वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव, कई जिलों में यलो और ऑरेंज अलर्ट
➤ अब तक 2282 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान, 650 घर पूरी तरह जमींदोज
➤ ऊना और कुल्लू में नॉर्मल से 100% से ज्यादा बारिश, 27 अगस्त तक राहत के आसार नहीं
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने एक बार फिर से खतरे की घंटी बजा दी है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के दोबारा सक्रिय होने से आज से लेकर अगले चार दिन तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। विभाग ने ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा में आज यलो अलर्ट जारी किया है, जबकि 23 अगस्त से ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा।
विशेष तौर पर ऊना, मंडी, शिमला और सिरमौर में 23 अगस्त को भारी बारिश की संभावना जताई गई है। लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे लैंडस्लाइड संभावित इलाकों और नदी-नालों के पास न जाएं। खासकर ऊना जिले में जलभराव का खतरा मंडरा रहा है।
24 अगस्त को कांगड़ा और सिरमौर, जबकि 25 अगस्त को कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने कहा है कि 27 अगस्त तक लगातार बारिश का दौर जारी रहेगा।
इस बार का मानसून हिमाचल के लिए तबाही का सबब बना है। अब तक 2282 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक, 650 घर पूरी तरह ढह गए, जबकि 2232 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, 385 दुकानें और 2597 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
बारिश का असर आंकड़ों में भी साफ दिख रहा है। इस सीजन में औसत से 17% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि अगस्त महीने में यह आंकड़ा 32% अधिक रहा। कुल्लू में सामान्य से 105% ज्यादा, ऊना में 108%, सोलन में 91%, शिमला में 94%, बिलासपुर में 59%, हमीरपुर में 41%, मंडी में 41%, सिरमौर में 21% और किन्नौर में 53% अधिक बारिश दर्ज की गई।
स्पष्ट है कि इस बार का मानसून हिमाचल प्रदेश के लिए अब तक का सबसे खतरनाक साबित हो रहा है और आने वाले दिनों में सतर्कता ही एकमात्र बचाव का उपाय है।



