हिमाचल प्रदेश में उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है। सरकारें किसी की भी रही हों बड़े इलाज के लिए आम हिमाचली जनता को पीजीआई चंडीगढ़ या फिर दिल्ली का रुख करना ही पड़ता है। हालांकि, इस मुद्दे को कांग्रेस के नेता अभिषेक राणा ने उठाया है। लेकिन, जो आंकड़े राणा ने बताए हैं उनपर भी सवाल खड़े हो चुके हैं। अब राणा पर एक पक्ष गलत आंकड़े देने का आरोप लगा रहा है। हालांकि, राणा ने अपनी बात दुरुस्त रखने के लिए आरटीआई का हवाला दिया है।
आरटीआई में 2018 से लेकर 2021 के उन मरीजों का ब्यौरा है जिनमें रेफर के अलावा चंडीगढ़ में रहने वाले भी शामिल हैं।
हालांकि, हिमाचल में मरीजों के रेफर होने की घटना किसी भी सरकार के लिए उसकी कबीलियत पर प्रश्नचिन्ह है। निश्चित रूप से आंकड़ों के इतर बीजेपी सरकार को भी बेहतर इलाज की जिम्मेदारी उठानी होगी और साथ ही कांग्रेस को भी अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जवाबदेह होना होगा क्योंकि, हिमाचल में दोनों ही दल समान रूप से सत्ता में काबिज रहे हैं।
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