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पालमपुर: 40 साल से बिजली कनेक्शन पाने के लिए जंग लड़ रहा फौजी का परिवार

मृत्युंजय पुरी |

भारतीय सेना की सेवा करते हुए उसने कई बार दुश्मन के दांत खट्टे किए लेकिन सिस्टम के आगे अपने हक की लड़ाई जीते जी नहीं जीत पाया। लगभग 30 साल तक अपने घर में एक बिजली का कनेक्शन लेने के लिए सिस्टम से लड़ता रहा पूर्व सैनिक इस दुनिया से चला भी गया। लेकिन उसके घर में बिजली का बल्ब नहीं जग पाया। हम बात कर रहे हैं पालमपुर के रहने वाले वीरता राम की जिन्हें इस दुनिया से गए 8 साल हो गए हैं।

वीरता राम बिजली कनेक्शन के लिए लड़ते रहे, लेकिन उन्हें बिजली कनेक्शन नहीं मिला। अब वीरता राम की 65 वर्षीय विधवा अपने घर में बिजली का कनेक्शन लगवाने की लड़ाई लड़ रही है। यह बात सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यह सच है पालमपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 10 के बाग उपरला के एक परिवार की जो चार दशकों से एक बिजली का कनेक्शन पाने के लिए सिस्टम के आगे एड़ियां रगड़ रहा है।

65 वर्षीय संध्या देवी ने बताया कि उनके स्वर्गीय पति वीरता राम ने करीब 40 साल पहले बाघ उपरला में मकान बनाया था। 1982-83 से उन्होंने इस घर में बिजली लगाने के लिए बिजली बोर्ड के अधिकारियों से संपर्क करना शुरू किया और आवेदन भी किए। जो भी विधायक बनते या पंचायत प्रधान बनते उन्होंने सबसे उनको बिजली का कनेक्शन दिलवाने की अपील की, लेकिन सब के आश्वासनों के बावजूद उनकी हसरत पूरी नहीं हुई। आलम ये हुआ कि वह घर में बिजली का बल्ब जलता देखने की हसरत पूरी किये बगैर इस दुनिया से चले गए।

संध्या देवी ने बताया कि 8 साल पहले उनकी मौत हो गई और इसके बाद से फाइल लेकर मैं चक्कर काट रही हूं। जब उन्होंने घर बनाया था तो उस समय मारंडा और पालमपुर की हालत एक गांव जैसी ही थी। उनके मकान बनने के बाद हज़ारों घर मारंडा पालमपुर में बन गए और सब के सब बिजली से रोशन भी हो गए, लेकिन उनकी किस्मत का अंधेरा दूर नहीं हुआ। संध्या देवी को इस बात का मलाल है कि उनके घर से दो सौ मीटर दूर से गुजर रही लाइन से पंजाब के घरों में बिजली पहुंच रही है, लेकिन इसका उनको कोई लाभ नहीं मिल रहा है। यही नहीं उनके घर से एक किलोमीटर के दायरे में मारंडा और देहन में पावर सबस्टेशन भी हैं, फिर भी उनके घर तक बिजली नहीं पहुंच रही है।

मिट्टी के तेल से रोशन होता लैंप

संध्या देवी ने बताया कि बिजली तो है नहीं। 21वीं सदी के तीसरे दशक में दुनिया जहा एलईडी से जगमगाती है वहीं रोशनी के लिए रात को मिट्टी के तेल का लैंप जलाना पड़ता है। कई बार मिट्टी का तेल भी नहीं मिलता है तो उनको सरसों के तेल का दिया जलाकर भी गुजारा करना पड़ता है।

मेरी समस्या मुख्यमंत्री तक पहुंचाए

संध्या देवी ने आग्रह किया कि कि उनकी बात प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक पहुंचाएं। सरकार हर घर को बिजली देने का दावा करती है लेकिन मुख्यमंत्री जी मेरे घर में 40 साल से बिजली नहीं है । हम दफ्तरों के और  जनप्रतिनिधियों के  यहां चक्कर काट काट कर थक गए हैं। मुख्यमंत्री जी हमारी भी सुन लो और बिजली विभाग को उनके घर में बिजली पहुंचाने के निर्देश देने की कृपा करो।