हिमाचल प्रदेश में अवैध रूप से कई वॉल्वो सड़कों पर दौड़ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक़ प्रदेश में 1400 से ज्यादा अवैध रूप से सवारियों को ढो रही हैं। शिमला सहित सभी पर्यटक स्थलों में ये वॉल्वो धड़ल्ले से चल रही हैं। इससे परिवहन निगम को करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है। ऐसा भी नहीं है की इसकी जानकारी पुलिस या फ़िर विभाग को न हो, लेकिन ऐसी भी जानकारी है कि ये बसें मिलीभगत से सड़कों पर दौड़ रही हैं।
इसी के चलते इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। समाचार फर्स्ट ने इस बार में पहले भी एक ख़बर ब्रेक किया था जिसमें कांगड़ा में सस्ते बस किराये में यात्रियों को ढोने की बात कही गई थी। ऐसे में अग़र ये प्राइवेट वॉल्वो वाले कम किराये में सवारियां ले जाएंगे तो विभागों की बसों में कौन सफ़र करेगा। सूचना तो ये भी है कि दिल्ली से अधिकतर बसें चलती है जिनमें HRTC वॉल्वों के मुताबिक कम किराया लिया जाता है।
वाजिब तौर पर शिमला से दिल्ली का बस फ़ेयर HRTC वॉल्वो बस में 950 से ऊपर का रहता है लेकिन आए दिन ऑफर देकर या सवारियां न मिलने पर डायरेक्टर फोन पर बात करने पर ये प्राइवेट डीलर 6 या 7 सौ तक में सवारियां ले जाते हैं। ऐसा भी नहीं की सिर्फ एक आध प्राइवेट वॉल्वो वाला ऐसा करता हो। सभी वॉल्वो डीलर्स के यही हाल हैं और सरकार सब देखते हुए भी अनदेखा करती है। ख़बर तो ये भी है कि ये सब कुछ सरकार की ही मर्जी से हो रहा है औऱ मंत्री महोदय भी इस पर कुछ नहीं कर पाते।
वहीं, ये वॉल्वो टूरिस्ट बसें सवारियां तो लाती ही है साथ में दुकानदारों का समान भी लाद कर लाती हैं। इससे जीएसटी भी चोरी हो रहा है औऱ प्रदेश को दोहरा घाटा हो रहा है। बावजूद इन बसों को कंही भी रोका नहीं जाता है। ये निज़ी कंपनी की बसें हैं जो हिमाचल के पर्यटक स्थलों में लगातार दौड़ रही हैं। समाचार फर्स्ट के पास इन वॉल्वो बसों के अवैध रूप से चलाए जाने के पूरे सबूत हैं। सड़कों की वीडियो से लेकर ऑनलाइन बुकिंग सबका रिकॉर्ड है। ये बसें विक्ट्री टनल से लगती है। साढ़े 8 बजे के बाद ये वॉल्वो शिमला से निकलती है। ऐसे ही हालात शिमला सहित सभी पर्यटन स्थलों के हैं।