➤ हिमाचल में अब तक 404 मौतें और हजारों घर तबाह
➤ 565 सड़कें और तीन नेशनल हाइवे यातायात के लिए बंद
➤ कल से बारिश से राहत मिलने की संभावना
पराक्रम चंद, शिमला
शिमला। हिमाचल प्रदेश में जाते-जाते भी मॉनसून अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। बीती रात से लेकर रविवार तक प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई। धर्मशाला में 232 मिलीमीटर और पालमपुर में 126 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। लगातार हो रही बारिश ने नदी-नालों को उफान पर ला दिया है और भूस्खलन की घटनाओं ने लोगों की जिंदगी दहशत में डाल दी है।
मौसम विभाग ने रविवार को सात जिलों – हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के लिए येलो अलर्ट जारी किया। चेतावनी में कहा गया कि इन इलाकों में तेज बारिश के साथ आंधी और बिजली गिरने की संभावना है। इसी बीच मंडी जिले के बारोट में बिजली गिरने से 250 से ज्यादा भेड़-बकरियों की मौत हो गई।
लगातार बारिश और भूस्खलन से सड़क यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। अब तक तीन नेशनल हाइवे और 565 सड़कें बंद पड़ी हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू जिले को हुआ है, जहां दो एनएच समेत 170 सड़कें अवरुद्ध हो चुकी हैं। इसके अलावा मंडी में 176, शिमला में 58, कांगड़ा में 45 और चंबा में 38 सड़कें बंद हो गई हैं।
इस आपदा ने प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, इस मॉनसून सीजन में अब तक 404 लोगों की मौत, 462 लोग घायल और 41 लोग लापता बताए जा रहे हैं। 1,440 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं जबकि 6,007 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 485 दुकानें और 6,036 गौशालाएं भी जमींदोज हो चुकी हैं। वहीं, 2,094 पशुओं और 29,049 से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की जान जा चुकी है।
अब तक प्रदेश में 140 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 46 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। लोक निर्माण विभाग को सड़कों और पुलों के टूटने से सबसे अधिक क्षति हुई है। अनुमान है कि सार्वजनिक संपत्ति को अब तक 4,489 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
हालांकि राहत की बात यह है कि मौसम विभाग ने सोमवार से किसी बड़े अलर्ट की भविष्यवाणी नहीं की है। ऐसे में प्रदेशवासियों को अगले 24 घंटों में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।



