प्रदेश में अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे वन-युवा खेल मंत्री ने आज ऊना के विश्राम गृह में पत्रकार्रवाता को सम्बोधित करते हुए कहा कि 15 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सिरमौर से खेर की नई नीति को लेकर घोषणा की थी.
उस पर काम चल रहा है और 90% से ज़्यादा काम पूरा भी हो गया है. उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार को 200 करोड़ का जीएसटी से ठेकेदारों, जमीन मालिको की ओर से जुड़े उद्योगों ने भारी चुना लगया है.
इस नई नीति से बहुत बड़ा बदलाव होगा और कही न कही हिमाचल प्रदेश की 68 मे से 32 सीटो पर बीजेपी को लाभ होगा, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, में खेर भारी मात्रा में होता है और जिस का लाभ अब हिमाचल के लोगों को भी होगा.
अपनी मंशा जाहिर करते हुए बताया कि अगर खेर कटान हिमाचल के लोग करते है और उन्हें हिमाचल के ही उद्योगों में बेचा जाए और वहीं से ये तैयार होकर अगर मार्किट में जाये. तो इस से हिमाचल के लोगो को काम मिलेगा.
वही, हिमाचल सरकार की आमदनी मे भी बढ़ोतरी होगी. जिस प्रकार पहले हिमाचल के लोगो को 3 महीने की कटान परमिशन दी जाती थी. अब उस को बढ़ाकर 9 महीने किया जा रहा है, जबकि बाहर के ठेकेदारो को पहले 12 महीने की परमिशन दी जाती थी.
चाहे दिल्ली हो, हरियाणा हो, यहां हिमाचल के खेर जाता है. जबकि अगर हमारे हिमाचल के उद्योगों में इसे बेचा जाए और यही पर माल को तैयार किया जाए. तो इस का लाभ हिमाचल वासियों और प्रदेश सरकार को होगा.