कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है कि अंब की शिवांगी धीमान ने . जिनका जर्मनी के कार्लसु प्रौद्योगिकी संस्थान में सहायक अनुसंधान वैज्ञानिक पद के लिए चयन हुआ है. हिमाचल की बेटी अब वहां भौतिक विज्ञान विषय पर अनुसंधान करेंगी. शिवांगी को लगभग तीन साल के अनुसंधान कार्यक्रम के बाद पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा.
अनुसंधान के दौरान प्रतिमाह 3100 यूरो (2,65,000 रुपये ) की छात्रवृत्ति मिलेगी. शिवांगी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा माउंट कार्मल स्कूल ऊना से प्राप्त की. आइसीएससी बोर्ड 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं की परीक्षा 96 प्रतिशत अंकों से पास की.
इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजूकेशन एवं रिसर्च मोहाली से भौतिक विज्ञान 89 सीजीपीएके साथ उत्तीर्ण की है. शिवांगी के पिता अजय धीमान मुख्य अध्यापक हैं और माता संदेश धीमान टीचर हैं. शिवांगी ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता, पिता, दादा धनीराम और दादी कौशल्या धीमान को दिया है.
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