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हिमाचल में गोबर से सोना: किसानों से 3 रुपये किलो पर खरीद, 6 से 12 रुपये में बिक्री

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Himachal organic fertilizer scheme: हिमाचल प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और बागवानों के लिए आर्गेनिक गोबर खाद अब आसानी से उपलब्ध होगी। प्रदेश सरकार ने 11 दिसंबर से गोबर खरीद योजना का शुभारंभ करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत मंडी की एक कंपनी को गोबर खाद की पैकेजिंग और वितरण का काम सौंपा गया है। यह खाद 5, 10, 25 और 50 किलो की पैकिंग में उपलब्ध होगी।

कृषि विभाग के अनुसार, किसानों से 3 रुपये प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदा जाएगा और इसे 6, 8, 10 और 12 रुपये प्रति किलो के रेट पर बाजार में बेचा जाएगा। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है, जहां किसानों के खातों में भुगतान सीधे ट्रांसफर किया जाएगा।

गोबर खाद की विशेषताएं और उपयोगिता:
आर्गेनिक गोबर खाद को विशेष रूप से फसलों और बगीचों के लिए उपयुक्त बनाया जाएगा। इसके बैग में लाइनिंग लगाई जाएगी ताकि खाद के आर्गेनिक गुण बरकरार रहें। खाद के सैंपलों की जांच कृषि विभाग की प्रयोगशालाओं में होगी। यह खाद सेब और सब्जी उत्पादक क्षेत्रों में भारी मांग को पूरा करेगी।

कृषि विभाग का बयान:
कृषि मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने कहा, “गोबर से सोना पैदा करने की यह योजना प्रदेश में पशुपालकों के लिए आय का नया स्रोत बनेगी।” विभाग के फार्मों में भी इस खाद का उपयोग आर्गेनिक उत्पाद तैयार करने के लिए किया जाएगा।

योजना की पारदर्शिता:
योजना को पारदर्शी बनाने के लिए किसानों का डेटा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा और गोबर खाद की खरीद से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इससे किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान मिलेगा।

आर्गेनिक खाद की बढ़ती मांग:
सेब और सब्जी उत्पादक हिमाचल के किसानों के लिए यह खाद उपयोगी होगी। बकरी के गोबर की खाद, जो सामान्य गोबर खाद से अधिक प्रभावी मानी जाती है, विशेष रूप से फसलों के लिए बेहतर परिणाम देती है।