नशा नहीं करूंगा, पहले शपथ पत्र, फिर एडमिशन

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  • हिमाचल प्रदेश में छात्रों को प्रवेश के समय नशा न करने का शपथ पत्र भरना अनिवार्य होगा
  • विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नशा रोकथाम के लिए अलग स्क्वायड गठित किया जाएगा
  • 2025 के नए शैक्षणिक सत्र से यह नियम प्रभावी होगा

Himachal university anti-drug pledge: हिमाचल प्रदेश में युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए राज्यपाल ने कड़ा कदम उठाया है। नए शैक्षणिक सत्र 2025 से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध सरकारी व निजी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को नशा न करने का शपथ पत्र भरना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालयों को अपने ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रोस्पेक्टस में इस अनिवार्यता को शामिल करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

राज्यपाल प्रदेश में बढ़ती चिट्टा और मादक पदार्थों की तस्करी और इसके गिरफ्त में आ रहे युवाओं को बचाने के लिए गंभीर हैं। इसी के तहत, नशे पर रोकथाम के लिए शिक्षण संस्थानों में एक अलग स्क्वायड गठित करना भी अनिवार्य किया जाएगा, जो छात्रों की गतिविधियों पर निगरानी रखेगा और नशे में संलिप्त पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करेगा। यदि कोई छात्र नशे में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी एडमिशन रद्द करने तक का प्रावधान रखा गया है।

यह निर्णय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के 2009 के एंटी-रैगिंग नियमों की तर्ज पर लिया गया है, जिसमें सभी छात्रों को रैगिंग न करने का शपथ पत्र भरवाना अनिवार्य किया गया था। अब इसी प्रक्रिया को नशे की रोकथाम के लिए लागू किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के प्रति कुलपति प्रो. राजिंद्र वर्मा ने कहा कि राज्यपाल द्वारा जारी सभी निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा। विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों को पहले से ही नशा मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। परिसरों के आसपास मादक पदार्थों की बिक्री बंद कराई गई है और विशेष कमेटियां बनाकर निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि नशा रोकने के लिए छात्रों से शपथ पत्र भरवाने की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।