एक तरफ गर्मी से हिमाचल के पहाड़ और मैदान खूब तप रहे है, दूसरी ओर कई जगह लोग पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं। प्रदेश के कई हिस्से पानी की मार झेल रहे है। गर्मी के कारण प्रदेश का ऊना जिला सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। बीते दो तीन दिन से यहां का तापमान लगातार बढ़ रहा है और तापमान 44 डीग्री के पार हो चुका है। इसके अलावा गर्मी की बजह से जंगलों में आग लग रही है जिस कारण वन संपदा को नुक्सान पहुंच रहा है। आग से कई जंगली जानवर, जड़ी बूटियां और छोटे बडे दुर्लभ जीव भी मर रहे हैं।
भीषण गर्मी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कुंए और बावडियां सूख रही है जिस कारण लोगों पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी की मार से जमीन सूख गई है जिस कारण पानी के स्त्रोत भी सूख रहे है। सबसे अधिक परेशानी का सामना राजधानी शिमला के लोगों को करना पड़ रहा है।
शिमला में पिछले सात दिन से लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी न मिलने के कारण लोग आक्रोश में है। बीती रात शिमला के लोगों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। लोगों का कहना है कि नगर निगम शिमला और सरकार शिमला के लोगों को भीषण गर्मी के दौरान भी पानी मुहैया करवाने में नाकाम हो रहे है।
गर्मी के कारण दुकानदारों को भी नुकसान हो रहा है। जिला कांगड़ा के कुछ दुकानदारों सुभाष, सरोज और राघव का कहना है कि गर्मी के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर है जिस कारण सामान की बिक्री नही हो पा रही है। प्रदेश में लगातार तप रहे मौसम से अभी लोगों को कोई निजात नही मिल पा रही है यहां तक की सड़कों पर चलना भी कठिन होता जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिन और प्रदेश के लोगों को गर्मी के कहर से सामना करना पड़ेगा।