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खेल मंत्रालय द्वारा योगासन को खेल का दर्जा देना ऐतिहासिक घटना: डॉ. वासवारेड्डी 

पी. चंद |

भारत सरकार के मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉक्टर आईडी वासवारेड्डी ने खेल मंत्रालय द्वारा योगासन को खेल का दर्जा देने को ऐतिहासिक घटना बताया है। उन्होंने कहा कि योगासान को खेल का दर्जा दिए जाने से इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। साथ ही युवाओं में अब योग के प्रति रुचि भी बढ़ेगी। यह बात उन्होंने हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ के चार दिवसीय ऑनलाइन योगासन खेल जजों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। बता दें कि डॉ. वासवारेड्डी राष्ट्रीय योगासन खेल संघ के अध्यक्ष भी हैं। 

उन्होंने कहा कि विगत दिसंबर से पहले योग आयुष मंत्रालय के अधीन आता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित किए जाने के प्रयासों के अंतर्गत खेल मंत्रालय ने इसे औपचारिक रूप से खेल का दर्जा दिया है।

प्रदेश योगासन खेल संघ के महासचिव विनोद योगाचार्य ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्था के अध्यक्ष स्वामी रामदेव की प्रेरणा और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एवं विख्यात योग गुरु डॉ जीडी शर्मा के मार्गदर्शन में इसी वर्ष प्रदेश योगासन खेल संघ की स्थापना हुई है। जज एवं रैफरी के ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद मार्च में पहली राज्य स्तरीय योगासन प्रतियोगिता कराई जाएगी।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय योगासन खेल संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एमएस देसवाल, हिमाचल योगासन खेल संघ के संरक्षक प्रोफेसर जी. डी. शर्मा, अध्यक्ष लीलाधर शर्मा  के अलावा बिजली बोर्ड के निदेशक (ऑपरेशन्स) पंकज डढ़वाल, अनुपमा चंदेल,  गोपाल अत्री, विवेक सूद, नवीन कुमार,  हेतराम, शुभम शर्मा, ईशान चौहान और रणजीत योगी ने प्रशिक्षुओं को तकनीक से संबंधित जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 60 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन भाग लिया ।