<p>वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को नोटबंदी के बाद करीब दो साल में 2.3 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने 500 या 1000 के नोट दान में मिले हैं, जो बैन हो चुके हैं। नवंबर, 2016 में नोटबंदी के तत्काल बाद सिर्फ एक महीने में बहुत से भक्तों ने तीर्थस्थान पर 1.90 करोड़ रुपये के पुराने नोट चढ़ा दिए।</p>
<p>गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था, जिसके बाद 500 और 1000 के सभी पुराने नोट अवैध मान लिए गए थे। हालांकि, वैष्णो देवी दिसंबर, 2016 के बाद पुराने नोट चढ़ाने का आंकड़ा घटता गया और उसके बाद के करीब दो साल में अब तक 40 लाख रुपये के पुराने नोट चढ़ाए गए।</p>
<p>वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरदीप सिंह ने बताया कि, 'वैष्णो देवी स्थान को मिलने वाले दान में किसी तरह की गिरावट नहीं है। यह अब भी उत्साहजनक है, लेकिन कुछ भक्त अब भी पुराने नोट चढ़ा रहे हैं।'</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>क्या होगा इन नोटों का </strong></span></p>
<p>सिंह ने बताया कि रिजर्व बैंक अब ऐसे पुराने नोट लेना बंद कर चुका है, तो बोर्ड खुद ही इन्हें उपयुक्त तरीके से नष्ट करने की योजना बना रहा है। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पास चढ़ावे के रूप में काफी नकदी आती है। साल 2018 में बोर्ड को चढ़ावे के रूप में 164 रुपये मिले, जो इसके पिछले साल के मुकाबले 10 करोड़ रुपये ज्यादा है।</p>
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