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हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में अब 10 रुपए की पर्ची अनिवार्य की गई
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रोगी कल्याण समिति की सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए लिया गया निर्णय
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अब 14 श्रेणियों के मरीजों को भी एक्स-रे और टेस्ट के लिए शुल्क देना होगा
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अब 10 रुपए शुल्क देकर पर्ची बनवाने की अनिवार्यता लागू कर दी है। यह शुल्क रोगी कल्याण समिति (RKS) द्वारा लिया जाएगा और इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता, आधारभूत ढांचे और उपकरणों के रखरखाव को बेहतर बनाना है।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यह निर्णय कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। अब तक सभी सरकारी अस्पतालों में पर्ची निःशुल्क बनती थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस दशकों पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।
इतना ही नहीं, अब जिन 14 श्रेणियों के मरीजों को एक्स-रे और लैब टेस्ट की सुविधा मुफ्त मिलती थी, उन्हें भी इसके लिए अब शुल्क चुकाना पड़ेगा। यह कदम प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य ढांचे को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने इस निर्णय को उचित ठहराते हुए कहा कि मुफ्त पर्ची की व्यवस्था में मरीज पर्ची को संभाल कर नहीं रखते, जिससे डॉक्टरों को रोगी का पिछला रिकॉर्ड देखने में कठिनाई होती है। उन्होंने तर्क दिया कि जब मरीज 10 रुपए देकर पर्ची बनाएंगे, तो उसे सुरक्षित रखेंगे, जैसा कि पीजीआई चंडीगढ़ में भी होता है।
राज्य के IGMC शिमला में प्रतिदिन 3000 से 4000, और अन्य मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में 700 से 2000 मरीज ओपीडी में आते हैं। पूरे प्रदेश में रोजाना 12 से 15 हजार मरीजों को अब यह शुल्क देना होगा। इससे सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के विकास हेतु संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।