कोरोना के चलते रूट बंद होने से HRTC घाटे में चल रहा है। निगम का कोष भी खाली हो चुका है। यहां तक की निगम के पास कर्मचारियों और पेंशनरों को देने तक के पैसे नहीं बचे हैं। ऐसे में अब जब प्रदेश में कोरोना के मामले घटने लगे हैं तो सरकार बसों को 100 फीसदी ऑक्यूपेंसी के साथ चलाने की मंजूरी दे सकती है।
उधर, निगम प्रबंधन ने भी इस संबंध में सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। ऐसे में माना जा रहा है सरकार 24 तारीख को होने वाली कैबिनेट में निगम को घाटे से उबारने के लिए बसों को 100 फीसदी ऑक्यूपेंसी के साथ चलाने की मंजूरी दे सकती है। 24 तारिख को होने वाली कैबिनेट इसलिए भी अहम है क्योंकि मीडिया सुर्खियों में स्कूल खोलने की बात कही जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो सरकार बिना देरी के HRTC बसों पर भी ये फैसला ले सकेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक प्रदेश में 50 फीसदी सवारियों के साथ 2100 रूटों पर बसें चल रही हैं, जबकि 1 हजार के करीब रूट पर बसें नहीं चल रही। इससे निगम को कमाई नहीं हो रही। ऐसे में अगर सरकार 100 फीसदी सवारियों के साथ बसों को चलाने की मंजूरी दे देती है तो निगम की आय बढ़ने की उम्मीद है।
वहीं, कोरोना के मामलों की बात की जाए तो प्रदेश में मामले डेढ़ हजार के करीब हैं। प्रदेश में नए केसिस और रिकवर रेट काफी वक़्त से एक जैसा ही चल रहा है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अक्टूबर माह में कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी जारी की है, लेकिन मामले घटने और आर्थिकी मजबूत करने के मद्देनज़र ऐसे फैसले लिए जा सकते हैं।
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