प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सोमवार सुबह उस वक़्त हंगामा हो गया। जब चिल्ड्रन वार्ड में दाखिल 7 महीने के बच्चे की अचानक मौत हो गई। दरअसल, बच्चे को रविवार रोहड़ू के देविधार गांव से ईलाज के लिए IGMC लाया गया था। बताया जा रहा है कि बच्चे को खांसी थी और उसे चिल्ड्रन वार्ड में दाखिल किया गया था। इसके बाद जैसे ही बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया तो उसके तुरंद बाद बच्चे को रियेक्शन हुआ और बॉडी लाल पड़ने लगी। कुछ देर बाद बच्चे ने अचानक दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप है कि उनके बच्चे के साथ 14 साल का दूसरा बच्चा भी एडमिट था। अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ की लापरवाही से 14 साल के बच्चे का इंजेक्शन 7 माह वाले बच्चे को लगाया गया। उसके बाद बच्चे की मौत हो गई। इस बारे में जब समाचार फर्स्ट ने अस्पताल स्टाफ से बात करनी चाही तो किसी ने जवाब नहीं दिया। अब मृतक बच्चे की मां न्याय की मांग कर रही है।
वहीं, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में ऐसी चूक… काफी शर्मिंदा भरी है। अस्पताल स्टाफ की लापरवाही से एक बच्चा मौत के मुंह में समां गया… अब देखना ये होगा कि क्या अस्पताल प्रबंधन ऐसे लापरवाह स्टाफ के खिलाफ कोई क़दम उठाता है या नहीं…?? बेवजह अपनी बच्चे की जान से हाथ धो बैठने वाली मांग को न्याया मिलेगा या नहीं…??
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