सेब की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट के बाद प्रदेश के किसानों बागवानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत हिमाचल के दौरे पर हैं। बागवानों के समर्थन से पूरे देश में बड़े आंदोलन की हुंकार टिकैत ने शिमला से भर दी है। सरकार अगर किसानों बागबानों के हितों में फैसले नहीं लेती है तो शिमला को दिल्ली बनते हुए देर नहीं लगेगी। यह बात राष्ट्रीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में 9 महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है। वहीं, अब हिमाचल के सेब में आई गिरावट अडानी के द्वारा प्रदेश में बनाये कोल्ड स्टोर हैं। अभी बागवानों से सस्ते सेब खरीद कर स्टोर करके दोगुने रेट पर बेचे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेब बागवानों को बेमोशमी बारिश से भी नुकसान हुआ है इसलिए वह यहां के किसानों दर्द जानने आये हैं।
टिकैत ने कहा कि उधोगपति किसानों की जमीनें हड़पना चाहते हैं इसलिए यह साजिश रची जा रही है। प्रदेश के किसान इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं। इनके हित्तों की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक तीन काले कानून वापिस नही लिए जाते हैं उनका आंदोलन जारी रहेगा। सेब के दामों में गिरावट कांट्रेक्ट फार्मिंग का ही उदाहरण है। अडानी ने किसानों से सस्ते दामों पर सेब खरीदा ओर फिर महंगे दामों में मार्केट में उतारा। इन कानूनों से विदेश में भी किसान बर्बाद हो गए है। वह किसान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को एमएसपी कानून और तीन काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला ठंडी जगह है लेकिन यहां के मौसम को गर्म करने में समय नहीं लगेगा। जिस प्रकार दिल्ली में किसान डटे हैं उसी तरह शिमला को दिल्ली बनने में देर नहीं लगेगी। अगर बड़े व्यापारियों के कोल्ड स्टोर तोड़े जाते हैं तो उसकी जिम्मेदारी किसान की नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार किसी एक पार्टी की नहीं है बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है इसलिए ऐसा षड्यंत्र हो रहा है।