संत कबीर की जयतीं और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन संस्कृति सदन सभागार में करवाया गया.
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डा. गंगाराम राजी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस कार्यक्रम में जिला मंडी 40 कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया. जिनमें कबीर के जीवन और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को लेकर अधिकांश कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया.
वहीं पर मशहूर शायर रविराणा शाहीन ने अपने अंदाजे बयां में कुछ यूं कहा- जब था मालूम के दिल शीशे से भी नाजुक है, तो एहतीयात भरा रख रखाव रखना था. वहीं एक अन्य गजल को शेर गौर करने लायक है- खता तुम्हारी है जो खुद ही कट गए सबसे…ये घर है सबसे हाथ मिलाया कीजिए.
वहीं पर कथाकार मुरारी शर्मा ने कबीर की एकमात्र गजल सुनाते हुए कहा- हमन है इश्क मस्ताना, हून से होशियारी क्या…रहे आजाद या जग से ,हमन को होशियारी क्या. इसके अलावा वरिष्ठ कवयित्री रूपेश्वरी शर्मा , हरिप्रिया शर्मा, डा. कमल प्यासा, डा. पी.सी.कौंडल, पौमिला ठाकुर, निर्मला चंदेल, विद्या शर्मा समाज सेवी, प्रवीन शर्मा, डॉ राकेश कपूर, मुरारी शर्मा, डॉ. प्रीति, भगवान दास शर्मा, कृष्ण चंद्र महादेविया, रतन लाल, विनोद गुलेरिया, भगत राम गुलेरिया, किरण गुलेरिया, रवि राणा, सुरेन्द्र कुमार मिश्रा, कृष्णा ठाकुर, आर.के.गुप्ता, लतेश कुमार शर्मा, पूर्णेश कुमार गौतम, धर्म चन्द वर्मा, बी.डी.शर्मा, सीता राम वर्मा, राजेन्द्र ठाकुर, डॉ. मनोहर अनमोल, समीर कश्यप, रूप उपाध्याय, रीतु कुमारी, विजय, शुभम कौड़ल, टिकमी कुमारी, सरीता शर्मा आदि ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया। डॉ. गंगा राम राजी ने युवा पीढ़ी व समाज को अपने वक्तव्य में कहा कि कबीर के संदेशों को अपने जीवन में उतारना चाहिए.
हमारी कथनी व करनी में समानता होनी चाहिए। साथ ही पर्यावरण को दूषित करने वाले कार्यों से बचना चाहिए. कवि सम्मेलन में उपस्थित सभी कवियों ने बारी-बारी से अपनी बेहतरीन रचनाओं की प्रस्तुतियां दी.
जिसमें कबीर की शिक्षाओं को तथा प्रकृति से छेड़छाड़ व संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई. इस अवसर पर डा. पी.सी.कौंडल द्वारा चलाई जा रही हिमखंड पत्रिका के 75वें संस्करण का विमोचन किया गया.
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी ने सभी साहित्यकारों को कार्यक्रम में पधारने पर आभार व्यक्त किया. सभी से आग्रह किया कि अपने अपने स्तर पर हम सभी कबीर जी के संदेशों को युवा पीढ़ी को अपने आचरण में उतारने की प्रेरणा दे.