मंत्रिमण्डल ने आज हुई अपनी बैठक में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को कदाचार से बचने के लिए विश्वविद्यालय, बोर्ड या अन्य विशिष्ट परीक्षा अधिनियम, 1984 में हिमाचल प्रदेश कदाचार निवारण अधिनियम, 1984 के दायरे में लाने का निर्णय लिया.
ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चयन सुनिश्चित किया जा सके. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की.
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2023 को शुरू में तीन महीने की अवधि के लिए शुरू करने का फैसला किया. ताकि पुराने मामलों का समाधान किया जा सके.
इस योजना का लक्ष्य लगभग 50,000 मामलों का निपटान करना है. जो अभी भी जीएसटी-पूर्व युग के विभिन्न अधिनियमों के तहत मूल्यांकन के लिए लंबित हैं.
यह योजना छोटे और सीमांत व्यापारियों और अन्य करदाताओं को सुविधा प्रदान करेगी. इसने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे में 90,362 मनरेगा श्रमिकों, एकल नारी और 40 प्रतिशत से अधिक विकलांग व्यक्तियों, पंजीकृत स्ट्रीट वेंडरों और अनाथालयों में रहने वाले बच्चों को लाने का निर्णय लिया.
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियमित आधार पर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं के नौ पदों को भरने का निर्णय लिया गया.
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के सभी 11 सिविल एवं सत्र मंडलों के साथ-साथ नालागढ़, सरकाघाट, सुंदरनगर और घुमारवीं अनुमंडलों में संवेदनशील गवाह बयान केंद्रों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 45 पदों के सृजन को मंजूरी दी.
बैठक में प्रत्येक विभाग में सहायक प्राध्यापक के एक-एक पद भरने का निर्णय लिया गया. डॉ राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर में जनरल मेडिसिन, पैथोलॉजी और रेडियोथेरेपी
कैबिनेट ने सीधी भर्ती के जरिए सिविल जजों के 10 पदों को भरने को भी मंजूरी दी.
आयुष विभाग में अनुबंध आधार पर आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारियों के बैचवार 15 पद भरने का भी निर्णय लिया गया. मंत्रिमण्डल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण विभाग मंत्री की सदस्यता वाली कैबिनेट सब-कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया,
जो जिले में पेड़ों को काटने, हटाने और काटने के सभी मामलों का निर्णय लेने और निपटाने के लिए है. राज्य के नगर निगमों के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र.
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश क्लीन एनर्जी ट्रांसमिशन इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के तहत हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPTCL) को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को पुनर्गठित करने का फैसला किया.
इससे एचपीपीटीसीएल को वित्तीय स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी और घरेलू वित्तीय संस्थानों से वित्तीय सहायता प्राप्त करके मौजूदा और आगामी परियोजनाओं के आसान निष्पादन में सहायता मिलेगी.
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश कृषि उद्योग निगम लिमिटेड का हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पादन एवं विपणन निगम में विलय करने का भी निर्णय लिया.
शिमला के आनंदपुर (शोघी) के गांव भोग में विज्ञान, शिक्षण और रचनात्मकता के लिए एक समर्पित केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी गई ताकि बच्चों को उनकी प्राकृतिक जिज्ञासा को आगे बढ़ाने और रचनात्मकता की प्यास बुझाने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके. यह प्रायोगिक विज्ञान शिक्षा के बड़े पैमाने पर प्रसार का भी समर्थन करेगा और सीखने में नवाचार का नेतृत्व करेगा.
कैबिनेट ने पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर पर्यावरण प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग करने को मंजूरी दी. कैबिनेट ने कांगड़ा जिले में श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम विशेष क्षेत्र के लिए मसौदा विकास योजना को मंजूरी देने का फैसला किया.
साथ ही जिला मण्डी में माता श्यामकाली मंदिर प्रबंधन समिति, गलमा के पक्ष में 40 वर्ष की अवधि के लिए 500 रुपये की दर से भूमि के पट्टे का नवीनीकरण भी किया.
55,276 प्रति वर्ष. कैबिनेट ने 90:10 के केंद्र-राज्य अनुपात में पीएम स्कूलों फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम SHRI) की नई केंद्र प्रायोजित योजना के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी.