होली के दिन मंडी में 50 साल के राजकुमार को मौत के घाट उतारने वालों पर कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में गिरफ्तार सभी 9 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इन सभी आरोपियों ने जमीनी विवाद के चलते राजकुमार को ब्यास नदी में जिंदा डुबो कर मार दिया था।
इसी के साथ एचआरटीसी में चालक के तौर पर कार्यरत एक आरोपी अभिनव गर्ग को प्रबंधन ने निलंबित कर दिया है। उसकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा गया है क्योंकि नियमानुसार हिरासत में रहते हुए एक निर्धारित अवधि में स्वत ही निलंबन हो जाता है जबकि बाद में सजा होने पर नौकरी से भी हाथ धोना पड़ता है। एचआरटीसी मंडी के क्षेत्रीय प्रबंधक गोपाल शर्मा ने चालक अभिनव गर्ग के निलंबन का विधिवत पत्र जारी कर दिया है।
इधर, इस मामले को लेकर पुलिस फूंक फूंक कर कदम उठा रही है। घटना की जीते जागते सबूत जो वायरल हो रहे वीडियो हैं और सीसीटीवी फुटेज को पूरी तरह से पुलिस ने सबूतों के तौर पर एकत्रित कर लिया है। चूंकि पूरी घटना वीडियो में कैद है और यह प्रदेश या जिला में ही नहीं बल्कि पूरे देश में वायरल हो चुकी है, ऐसे में इस मामले को लेकर पुलिस की जिम्मेवारी और बढ़ गई है।
समाज में बनी नई धारणा
सोशल मीडिया पर आ रही टिप्पणियां इस वाक्या को प्रदेश के क्रूरतम अपराध करार दे रही हैं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है। टिप्पणियों में मृतक राजकुमार और उनके परिवार को लेकर लोगों में सहानुभूति पैदा हुई है। एक जमीनी विवाद ने जिस तरह से यह कांड करवाया है वह अपने आप में मंडी के लिए काले धब्बे की तरह बन गया है। इसे लेकर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी औऱ छोटी काशी के तौर पर जाने जाने वाले मंडी नगर को लेकर एक गलत धारणा समाज में बन रही है।