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शिमला में भी ईद की धूम, अमन और शांति की दुआ मांग एक-दूसरे को गले लगाकर दी मुबारकबाद

पी. चंद, शिमला |

शिमला शहर की मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने  ईद-उल-जुहा का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया। इस मुबारक मौके पर जहां नमाज अदा की गई, वहीं अल्लाह से अमन और शांति की दुआएं भी मांगी गईं। सुबह से ही शहर में ईदगाह, जमा मस्जिद सहित छोटा शिमला, कुतुब मस्जिद संजौली में हजारों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की नमाज अदा की।

मौलाना का कहना है कि दुनिया की कोई भी कौम कुर्बानी के बिना जिंदा नहीं रह सकती। लिहाजा कुर्बानी का ये पर्व अल्लाह की इबादत करने और इंसानी भाईचारे और इंसानी मोहब्बत का पैगाम लेकर आता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर नमाज अदा करते हैं।

बकरीद को इस्लाम में बहुत ही पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस्लाम में एक साल में दो तरह की ईद मनाई जाती है। एक ईद जिसे मीठी ईद कहा जाता है और दूसरी बकरीद। एक ईद समाज में प्रेम की मिठास घोलने का संदेश देती है, जबकि दूसरी ईद अपने कर्तव्य के लिए जागरूक रहने का संदेश देती है। ईद उल जुहा का दिन फर्ज ए कुर्बान का दिन होता है।