शिवरात्रि मेले के 5वें दिन रविवार को छोटी काशी मंडी में तिल धरने को जगह नहीं बची। आसपास के जिलों से भी हजारों लोग मेले में पहुंचे। अधिकांश लोगों के वाहनों से आने के चलते शहर को जोड़ने वाले सभी मार्गों पर सुबह ही जाम की हालत बन गई। यह जाम चारों ओर से मीलों तक चला गया। हजारों लोगों ने अपने वाहन सड़क किनारे भी पार्क कर दिए और वहां से मेले को रवाना हो गए मगर जब तक वापस लौटे उनके वाहनों पर पुलिस चालान का चिट्ठा चिपक चुका था।
इस जाम के चलते मिंटों का सफर घंटों में बदल गया। वाहन रेंग रेंग कर ही दिन भर चलते रहे। हर दस मीटर पर पुलिस जवान व एनसीसी के कैडिट यातायात को नियंत्रण करने में लगे रहे मगर वाहनों की रेलमपेल इतनी अधिक रही कि सब बेबस से हो गए। कई बार इस जाम में एंबुलेंस वाहन भी फंसे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी इस जाम का शिकार हुए।
मंडी बैठक में भाग लेने आए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर भी इस जाम में फंसे रहे। पैट्रोलिंग कर रही पुलिस को भी अपने मोटर साइकलों और अन्य वाहनों को निकालने के लिए हूटर बजाने पड़े। जाम के बीच पुलिस ने सड़क किनारे पार्क किए गए वाहनों के जमकर चालान भी किए। आसमान बादलों से अटा रहा मगर बारिश नहीं हुई। इसी कारण से पूरा दिन मेला भरा रहा। शहर में कई भी खाली जगह नहीं बची। बाहर से आए लोगों ने मेले में जमकर खरीदारी की। बसों में भी बेतहाशा भीड़ रही। शहर की सभी पार्किंग फुल दिखी। कोई सड़क ऐसी नहीं थी जहां पर वाहन कतारवद्ध नजर न आएं। देर शाम तक यह नजारा बना रहा।
इधर, मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह जो शनिवार को ही मंडी पहुंच गई थी ने रविवार को भी देवी देवताओं का आशीर्वाद लिया। बल्ह के चंडयाल में कांग्रेस की बैठक में जाने से पहले उन्होंने टारना मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की। उन्होंने देव कमरूनाग के भी दर्शन किए व माथा टेका। प्रतिभा सिंह ने ग्रामीण देवी देवताओं से भी आशीर्वाद प्राप्त किया। उसके बाद ही वह जिला कांग्रेस की बैठक में पहुंची।
मेले में रविवार को दिन खूब मनोरंजन व सांस्कृतिक गतिविधियों से ओत प्रोत रहा। पड्डल मैदान में शुरू हुई कुश्तियों के मुकाबले देखने खूब भीड़ उमड़ी तो पारंपरिक वेशभूषा में देवलुओं की नाटी ने भी जमकर धमाल मचाया। यह सांस्कृतिक गरिमापूर्ण नजारा देखते ही बनता था। इसी तरह जब बजंतरियों की प्रतियोगिता शुरू हुई तो पूरा आसमान लोक वाद्य यंत्रों की देव ध्वनि से गुंजायमान हो गया।
यह प्रतियोगिता सोमवार को भी जारी रहेगी। पड्डल में कतारवद्ध होकर विराजमान देवी देवताओं की पालकियों के आगे नतमस्तक होकर मनौतियां मांगते लोग व अपने अपने अराध्य देवी देवताओं का आशीर्वाद हासिल करने वालों के दृश्य देखते ही बनते थे। देवी देवताओं व उनके गुर पुजारियों से आशेष लेकर अपने को धन्य समझते रहे। इस समय छोटी काशी मंडी पूरी तरह से देवमयी होकर देव धुनों पर थिरक रही है। मंगलवार दोपहर बाद देवी देवताओं की विदाई तक यह थिरकन बनी रहेगी।
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