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कोरोना के चलते बंद होने की कगार पर इंडियन कॉफी हॉउस, कर्मचारियों को नहीं मिला 1 साल से वेतन

<p>देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व पंडित जवाहर लाल नेहरू और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस इंडियन कॉफी हाउस के मुरीद रहे। उस इंडियन कॉफी हाउस पर कोरोना काल के चलते आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 1957 में शिमला के माल रोड़ पर अस्तित्व में आया इंडियन कॉफी हाउस कई एतिहासिक पलों का गवाह रहा है। यहां दिन भर कॉफी की चुस्कियों के साथ गॉसिप्स का दौर चलता है। शिमला घूमने आने वाला नेता हो, अभिनेता हो, या आम पर्यटक इंडियन कॉफी हाउस की ओर जरूर आकर्षित होता है। लेकिन कॉफी हाउस पर अब ऐसा संकट है कि इसके पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए वेतन के भी लाले पड़ गए है।</p>

<p>कोरोना के मुश्किल दौर ने इंडियन कॉफी हाउस पर आर्थिक संकट ला दिया है। मॉल रोड़ के कॉफी हाउस में काम करने वाले 47 कर्मियों को पिछले क़रीब एक साल से वेतन नहीं मिला है। ये कर्मी बमुश्किल अपने और परिवार का गुजारा चला रहे है। सालों से कॉफी हाउस में काम करने वाले वेटर भागीरथ का कहना है कि उन्होंने अपने हाथों से पीएम मोदी से लेकर कई महान हस्तियों को कॉफी पिलाई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के शपथ ग्रहण समारोह में 27 दिसंबर 2017 में जब मोदी आए थे तो मॉल रोड़ में कॉफी हाउस के बाहर उन्हें अपने हाथों से कॉफी पिलाई है। लेकिन कोरोना के वजह से उन्हें क़रीब 1 साल से वेतन नहीं मिला है जो जमापूंजी थी वह भी ख़त्म हो रही है। ये भी पता नहीं है कि कब कॉफी हाउस बन्द हो जाए ऐसे में अभी से भविष्य की चिंता सताने लगी है।</p>

<p>इंडियन कॉफी हाउस मॉल रोड़ के प्रबंधक आत्मा राम शर्मा का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते इंडियन कॉफी हाउस में काम न के बराबर है। अब गिना चुना स्टॉफ ही बुलाया जा रहा है। उनको भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। क्योंकि कॉफी हाउस के पास देने के लिए पैसे ही नहीं है। ऐसे में घाटा करोड़ों में पहुंच चुका है। यदि सरकार उनको लोन देने में मदद करती है तो ये पुराना कॉफी हाउस बच सकता है। अन्यथा इंडियन कॉफी हाउस भी इतिहास के पन्नो में रह जाएगा। सामान्य दिनों में काम होने से खर्चा निकलता था जो अब नही निकल पा रहा है।</p>

<p>इंडियम कॉफी में बचपन से कॉफी का स्वाद लेते रहे धरेंद्र गुप्ता का कहना है कि जवारलाल नेहरू की सलाह पर इडियन कॉफी हाउस शुरू हुआ था। यहां से उनको यादें जुड़ी है। आज संकट से जूझ रहा है सरकार को मदद करनी चाहिए।</p>

<p>वहीं, शिमला के जाने माने पत्रकार प्रकाश लोहमी जिनका बचपन शिमला में बिता व पत्रकारिता भी शिमला में की। उनका कहना है कि इंडियन कॉफी हाउस की कॉफ़ी का अपना अलग स्वाद है। पीएम मोदी जब हिमाचल के प्रभारी थे उस वक़्त अक्षर वह उनके साथ इसी कॉफ़ी हाउस में बैठकर राजीनतिक घटनाक्रम पर चर्चा करते थे। मोदी जी उनके साथ बैठक कर गप्पें भी मारा करते थे। जिसके जिक्र मोदी करते रहते हैं।</p>

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