हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के उस फैसले पर सवाल खड़े होने लगे हैं जिसमें उन्होंने एचएएस अधिकारियों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक पीएसओ देने की घोषणा की थी. वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी शर्मा ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से कुछ सवाल किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर हिमाचल के बॉर्डर्स की सुरक्षा, विधानसभा की सुरक्षा और रात की आपराधिक घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा है इनकी सुरक्षा कौन करेगा?
ये सवाल इसलिए भी लाजमी है क्योंकि धर्मशाला विधानसभा के बाहर घटित खालिस्तानी घटना को लेकर अब जयराम सरकार की कानून व्यवस्था कटघरे में खड़ी हो चुकी है. जाहिर है अगर मुख्यमंत्री अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं तो फिर जरूरी स्थानों और प्रदेश की सुरक्षा कैसे होगी?
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एसडीएम की सुरक्षा के दृष्टिगत उनके साथ पीएसओ तैनात करने और जिन स्थानों पर एसडीएम के लिए सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां रेंट फ्री आवास उपलब्ध करवाने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा था?
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों के समर्थन और ईमानदारी से राज्य सरकार ने अनेक सुधार सुनिश्चित किए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में बहुत विपरीत परिस्थितियों में कार्य कर निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन सुनिश्चित करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किये जा रहे नवोमेश प्रयासों और प्रतिबद्धता के कारण ही राज्य के सूचकांक कई बड़े राज्यों के मुकाबले बेहतरीन हैं.
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