देश और दुनिया में आज जन्माष्टमी की धूम है। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार माने जाते हैं। राजधानी शिमला के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। राधा कृष्ण मंदिर शिमला को जन्माष्टमी पर्व पर दुल्हन की तरह सजाया गया है। मन्दिर में इसके अलावा शिमला के राम मंदिर, गंज मंदिर, संजौली और कसुम्पटी में राधा कृष्ण मंदिर का नजारा जन्माष्टमी लेकर देखने लायक है। मंदिरों में भजन र्कीतन विभिन्न कीर्तन मण्डिलियों द्वारा किया जा रहा है।
सनातन धर्म सभा के प्रधान अजय सूद ने बताया कि जन्माष्टमी का पर्व हर साल की भांति धूमधाम से मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारी तादाद में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आ रहे हैं। कोरोना के मध्य नजर किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में बैठने की इजाजत नहीं है। इसके अलावा ना तो प्रसाद चढ़ाया जा रहा है और ना ही प्रसाद दिया जा रहा है। मंदिर में प्रवेश से पूर्व सैनिटाइजेशन किया जा रहा है।
बता दें कि इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र, जयंती योग के साथ चंद्रमा वृषभ राशि में होगा। यह वही योग है जो द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के समय था। छह साल बाद इस बार फिर यही योग बन रहा है। इससे पूर्व साल 2015 में ऐसा योग बना था। जन्माष्टमी पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योग और जयंती योग भी बन रहा है। विधि विधान के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर व्रत रखना चाहिए, इससे सभी मनोरथ पूरे होते हैं।