शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा कि आधारहीन आरोप लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री सुर्खियों में बने रहने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रियों की कोठियां सरकार की सम्पत्ति है और सरकारी सम्पत्तियों की मरम्मत और रखरखाव एक आम प्रक्रिया है। केवल मात्र मंत्रियों की कोठियों पर ही पैसा खर्च नहीं हुआ है, बल्कि जय राम ठाकुर की सरकारी कोठी की मरम्मत पर भी धन खर्च किया गया है और पिछली भाजपा सरकार के समय भी मंत्रियों के कार्यालय और कोठियों की मरम्मत का कार्य भी समय-समय पर हुआ है।
मंत्रियों ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेताओं को सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाते हुए हिमाचल प्रदेश के विकास में सकारात्मक योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भाजपा नेता बार-बार दिल्ली जाकर हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली आर्थिक मद्द में अडं़गे लगा रहे हैं। पिछले साल आई आपदा से हुए नुकसान से जुड़े लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम राज्य सरकार ने केन्द्र को भेजे, लेकिन हिमाचल भाजपा नेताओं के दवाब में इसे रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की एनपीएस के 9200 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार के पास फंसे हैं। हिमाचल प्रदेश को यह पैसा केन्द्र सरकार से वापस दिलाने के लिए भाजपा नेता को प्रदेश सरकार की मदद करनी चाहिए।
रोहित ठाकुर और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों के हितों को देखते हुए उनके लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है, जबकि जय राम ठाकुर ने कर्मचारियों को पेंशन के लिए चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। इसके अतिरिक्त 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार से अधिक पेंशनरों का पूरा एरियर भी इस वर्ष जारी किया जा रहा है, जबकि भाजपा सरकार के समय एरियर के मात्र 50 हजार रुपये जारी किए गए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सात प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान किया गया है और वर्तमान कांग्रेस सरकार एक वर्ष में प्रदेश की आर्थिक स्थिति पटरी पर लायेगी और सरकारी कर्मचारियों का बकाया लाभ जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल करने पर केन्द्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने लोन लेने की सीमा घटाकर 6600 करोड़ रुपये की जिससे प्रदेश को 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अतिरिक्त बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए लोन की सीमा तीन साल के लिए 2900 करोड़ रुपये तय कर दी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रतिपूर्ति भी केन्द्र सरकार ने अब हिमाचल प्रदेश के लिए समाप्त कर दी है।
उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने प्रदेश के साथ अन्याय करते हुए राजस्व घाटा अनुदान कम कर दिया। जय राम ठाकुर के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2021-22 में यह ग्रांट 10 हजार 249 करोड़ थी, जो वर्ष 2025-26 में घटकर 3 हजार 257 करोड़ रुपये रह जायेगी। यानी भाजपा सरकार के कार्यकाल में मिलने वाली धनराशि से वर्तमान कांग्रेस सरकार को विकास के लिए लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपये कम मिलेंगे। रोहित ठाकुर और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमकेयर योजना में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है, जिसकी जांच करवाने का प्रदेश सरकार ने फैसला किया है।
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