जोगिंदर नगर उपमंडल की नेरघरवासड़ा पंचायत के उप्रधान राकेश जम्वाल ने कांगड़ा पुलिस पर उसके बेटे को झूठे केस में फंसाने के आरोप लगाए हैं। राकेश जमवाल ने कहा कि कांगड़ा पुलिस द्वारा मेरे बेटे को बेवजह फंसाया जा रहा है। आरटीआई से मांगी गई जानकारी का भी मुझे कोई जवाब नहीं दिया जा रहा। आज मेरा परिवार हर समय डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं। मुझे न्याय चाहिए, अगर मुझे न्यान नहीं मिला तो मैं हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाउंगा।
उपप्रधान राकेश जमवाल ने कहा कि 29 जुलाई को उनके बेटे सौरभ जम्वाल को सादी वर्दी पहने 5 लोगों द्वारा सुबह 10 बजे जबरन घसीटकर चौगान के एक कैफे के अंदर ले जाया गया और उससे मारपीट की गयी। उसके बाद उसे दोपहर डेढ बजे बैजनाथ पुलिस के हवाले करते हुए, दुकान के काउटंर से बरामद 148 ग्राम चरस के साथ सहअभियुक्त बना दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे का न तो कैफे वाले से लेना देना है और न चरस से।
राकेश जम्वाल ने कहा कि बेटे की गिरफ्तारी की सूचना जब उन्हें 5 बजे बैजनाथ पुलिस द्वारा दी गयी तब उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गयी। उन्होंने बताया कि उनका बेटा एमबीए की पढ़ाई कर रहा है और अपने बडे भाई जोकि बीड़ में होटल व्यवसाय में कार्यरत है का हाथ बंटा रहा था। वह अपने भाई के होटल के लिए पर्यटकों के ठहरने के लिये सहयोग कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसका सारा करियर खत्म कर दिया है।
उन्होनें कहा कि 2 अगस्त को एसपी कांगडा से स्वंतत्र जांच की मांग की थी, जिसका उन्हें आज तक कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि वह पांच लोग कौन थे, जिन्होने उनके बेटे को घसीटा और पीटा। उनकी उन्होंने पुलिस से मोबाईल लोकेशन और कॉल डिटेल मांगी है। लेकिन वह डिटेल उन्हें आज तक नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी बैजनाथ ने बताया कि बैजनाथ पुलिस ने 10 बजे सुबह पकड़ा है। पर यह बात जांच में शामिल नहीं है। जिस समय उनका बेटे को पकड़ा गया उनके पास सीसीटीवी फुटेज पड़ी है।
उन्होने कहा कि यह सब राजनीतिक द्वेष भावना से किया जा रहा है और उनका राजनीतिक भविष्य खराब करने की कोशिश की जा रही है। वह लगातार तीन बार उपप्रधान बने हैं औऱ नशे के विरूध आवाज उठाते रहे हैं। पर अब नशे के सौदागर ही अब उनके परिवार के पीछे पड़ गए हैं। पुलिस द्वारा उनकी गाड़ी को बार बार चैक किया जा रहा है। उन्हें डर है कि उन्हें फिर से कहीं झूठे मामले में फंसा न दिया जाए।
जमवाल ने कहा कि उनके द्वारा मांगी गयी जानकारी पुलिस द्वारा मुहया नहीं करवायी जा रही है जिससे अब लगता है कि पुलिस ही पुलिस को बचा रही है। बेटे की एमएलसी रिपोर्ट भी नहीं दी जा रही है। राकेश ने कहा कि उन्होनें बीस लाख रुपये का लोन लेकर बेटे के लिये बीड़ में कारोबार शुरू किया। उनके बैक खातों की जानकारी पुलिस हासिल कर सकती है। उनके 8 कॉल डिटेल पुलिस ले सकती है। कहीं भी कोई गलत पाया जाये तो उसे और उसके परिवार को सख्त सजा दी जाये। उन्हें कानून पर पूरा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि उनकी और उनके परिवार की झूठी शिकायतें नारकोटिक्स ब्यूरो के पास की जा रही हैं। पुलिस बड़े चरस तस्करों तक तो पहुंच नहीं पा रही है पर उन्हें और उनके परिवार को बिना वजह तंग किया जा रहा है। उन्होनें लोगों से उनके बुरे वक्त में सहयोग की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोग अपने बच्चों को संभाल कर रखे न जाने कब यह विपदा उन पर आ जाये क्योंकि उनका पुलिस से भरोसा उठ चुका है।