<p>माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट की माली हालत खराब चल रही है। जिसके चलते ट्रस्ट को अब विकास कार्यों के लिए उधार लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मंदिर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते मंदिर ट्रस्ट ने चार करोड़ रुपए सरकार या किसी अन्य मंदिर से कर्ज दिलवाने की दरख्वास्त जिला प्रशासन से की है। अलबत्ता डेढ़ करोड़ जयराम सरकार में और एक करोड़ वीरभद्र सरकार में माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दे चुका है।</p>
<p>अगर यही हाल रहे, तो आने वाले समय में कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़ सकते हैं। ऐसे में व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए मंदिर ट्रस्ट सरकार या किसी अन्य मंदिर से कर्ज लेने तैयारी में है। मंदिर प्रांगण में संग्रहार का निर्माण मिंदर ट्रस्ट की प्राथमिकताओं में शुमार है, जिस पर बैठक में 20 लाख रुपए खर्च करने की बात कही गई है। इसके अलावा बाइपास रोड पर रेन शेल्टर निर्माण पर भी 10 लाख रुपए खर्च होने हैं।</p>
<p>कर्मचारियों के वेतन पर इस साल डेढ़ करोड़ खर्च होंगे और होमगार्ड्स के वेतन पर 40 लाख रुपया खर्च होंगे। फोन बिलों के लिए 65 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है, जबकि गो सदन के खर्चे में कटौती की गई है, अब 25 के बजाय 12.50 लाख रुपए खर्च होंगे। आर्थिक सहायता और चैरिटी पर इस बार रोक लगाई गई है। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित राम प्रसाद शर्मा कहते हैं कि कहीं भी मंदिर का धन देने से पहले आर्थिक हालात देखने चाहिए। मुख्यमंत्री राहत कोष में धनराशि देने को भी वह उचित नहीं मानते। उनका कहना है कि कम आमदनी वाले मंदिरों से मुख्यमंत्री राहत कोष में धन नहीं लेना चाहिए।</p>
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