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कोलडैम से सतलुज में छोड़ा गया पानी, हिमाचल-पंजाब में अलर्ट

➤ कोलडैम से सतलुज में छोड़ा गया पानी, बिलासपुर से पंजाब तक अलर्ट
➤ हिमाचल में आज धूप, कल से बारिश का यलो अलर्ट
➤ मानसून में 12% ज्यादा बारिश, अब तक 147 की मौत



हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित कोलडैम से शुक्रवार सुबह  सतलुज नदी में पानी छोड़ा गया, जिससे नदी का जलस्तर चार से पांच मीटर तक बढ़ने की संभावना जताई गई है। इस वजह से बिलासपुर से लेकर पंजाब तक के नदी किनारे बसे क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अगले कुछ घंटों तक नदी के आसपास न जाएं और सतर्क रहें।

कोलडैम से निकलने के बाद सतलुज नदी का पानी सबसे पहले पंजाब के रोपड़ में प्रवेश करता है। यहां से यह नदी लुधियाना, फिरोजपुर के आसपास बहती हुई हरिके-पत्तन पर ब्यास नदी से मिलती है। इसके बाद यह दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़कर भारत-पाक सीमा के साथ बहते हुए बहावलपुर के पास पाकिस्तान में चिनाब से मिलती है। इसलिए इस बढ़े जलप्रवाह का असर पंजाब के मैदानी इलाकों में भी देखा जा सकता है।

इस बीच हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार सुबह मौसम साफ और धूप खिली रही, लेकिन मौसम विभाग ने फिर चेतावनी जारी की है। कल यानी 26 जुलाई से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय होगा, जिसके चलते मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है

27 जुलाई को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़ बाकी 10 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी दी गई है, जबकि 28 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिले प्रभावित रह सकते हैं।

इस मानसून सीजन (20 जून से 24 जुलाई) में प्रदेश में औसत से 12% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। सामान्यतः इस अवधि में 293.9 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 328.2 मिमी वर्षा हो चुकी है। जिलेवार बारिश की बात करें तो शिमला में 77%, मंडी में 76%, हमीरपुर में 46%, बिलासपुर में 34%, कुल्लू में 37%, सिरमौर में 34% और ऊना में 28% अधिक बारिश हुई है

वहीं लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम रही। लाहौल-स्पीति में 67% कम, किन्नौर में 13% और चंबा में 32% कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।

राज्य में मानसून के कारण अब तक 147 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 27 की मौत लैंडस्लाइड, बादल फटने और बाढ़ में हुई है, जबकि 68 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई है1387 करोड़ रुपए की निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान भी हुआ है।