भाजपा के बरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कक्षा तीसरी से ही संस्कृत को शुरू करने का निर्णय लिया था. परंतु सुक्खू की संस्कृत विरोधी सरकार अभी सरकारी विद्यालयों में इसे अभी शुरू करने से आनाकानी कर रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के स्कूलों में शिक्षा बोर्ड ने तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई के लिए किताब तक छपवा कर स्कूलों को भेज दी हैं, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस किताब को शुरू करने से इनकार कर दिया और इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जताई है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के माध्यम से जो पुस्तकें छपी है. जो स्कूल के बच्चों को मिलनी हैं. उनकी कीमतें कई गुणा बढ़ाकर प्रदेश के बच्चों और अभिभावकों को नई सरकार का तोहफा दिया है.
वहीं, गोविंद सिंह ठाकुर ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर आरोप लगाया है कि अपनी चुनावी गारंटीयों को पूरा करने के लिए यह सरकार अब राज्यों के छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की मदद से हिमाचल प्रदेश के लगभग 8.50 लाख बच्चों को निशुल्क वर्दी दी जाती है.
जो सुचारू रूप से मिलती आ रही हैं. लेकिन अभी वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस निशुल्क वर्दी को अब पहली से आठवीं कक्षा की सभी बेटियों और एससी, एसटी व बीपीएल परिवारों के लड़कों को ही देने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि नौवीं से बारहवीं कक्षा तक सभी वर्गों के छात्र- छात्राऐं निशुल्क वर्दी योजना के दायरे से बाहर. उन्होंने कहा कि जहां पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा पहले 8.50 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्क बर्दी दी जाती थी मिलती थी.
परंतु अब केवल 3.70 लाख तक ही सीमित हुई. उन्होंने कहा कि इस जनविरोधी सरकार ने सरकारी विद्यालयों में 5 लाख विद्यार्थियों को निशुल्क वर्दी से बाहर किया गया है. जिसकी वह घोर निंदा करते हैं.