प्रदेश के जिला शिमला में खसरा रूबेला उन्मूलन के लिए पांच वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जाएंगी. यह बात उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज खसरा रूबेला (एमआर) उन्मूलन के लिए बनी जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही हैं.
आदित्य नेगी ने कहा कि छूटे हुए बच्चों की जानकारी 31 दिसंबर तक आईसीडीएस तथा शिक्षा विभाग के माध्यम से एकत्र की जाएगी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग जनवरी माह से विशेष टीकाकरण अभियान छेड़ेगा.
वहीं, आवश्यकता अनुसार विशेष टीकाकरण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे. स्वयं सहायता समूहों की मदद से बच्चों के अभिभावकों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके साथ-साथ हाई रिस्क एरिया में भी मासिक सर्वे करवाएं जाएंगे. डीसी ने कहा कि एमआर की पहली डोज बच्चे को 12-15 माह की आयु में तथा दूसरी डोज 4-6 वर्ष की आयु में दी जाती है.
उपायुक्त ने कहा कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक जिला शिमला में एमआर वैक्सीन की डोज देने के लिए 13,501 का टारगेट मिला था. जिसमें से 9951 को पहली डोज तथा दूसरी डोज 9061 बच्चों की दी गई है.
आदित्य नेगी ने कहा कि सभी स्वास्थ्य खंडों में वैक्सीन की प्रतिशतता को 95 से अधिक ले जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार ने दिसंबर 2023 तक खसरा रूबेला के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयास करें. बैठक में जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्य उपस्थित रहे हैं.