प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व भाजपा सरकार में खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने के विरोध में बीजेपी लगातार प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है. शिमला में भी आज भाजपा शिमला शहरी ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और धरना प्रदर्शन किया.
आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार संस्थानों को डि नोटिफाई करके गलत परंपरा शुरु कर रही है. सरकार पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों की समीक्षा का अधिकार रखती है. लेकिन इस तरह से फंक्शनल हो चुके संस्थानों को बंद करना जनहित में नहीं है.
पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश सरकार की तुलना पाकिस्तान सरकार से करते हुए कहा कि पाकिस्तान में भी आर्थिक हालात ठीक नहीं है और एडवाइजरो के बलबूते सरकार चल रही है.
हिमाचल प्रदेश में भी एडवाइजरो के सहारे मुख्यमंत्री सरकार चला रहे हैं. कैबिनेट रैंक के साथ अपने चहेतों को मुख्यमंत्री नियुक्तियां दे रहे हैं. जिससे फिजूलखर्ची बड़ी है। विधायकों के साथ मुख्यमंत्री का तालमेल नहीं है.
गारंटी को लेकर कह रहे हैं कि पांच साल में पुरी करेंगे लेकिन अपनी ही गारंटी नहीं है कि सरकार चल भी पाएगी या नहीं. पूर्व की भाजपा सरकार ने जनहित में अलग-अलग संस्थान खोले थे. जिन्हें बंद करके वर्तमान सरकार लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है. जिसे भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी. मामले को लेकर विधानसभा के सदन के अंदर और बाहर विरोध जाहिर किया जाएगा.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि एक तरफ सरकार आर्थिक स्थिति का रोना रो रही है और दूसरी तरफ सीपीएस बना रहीं हैं जो कि फिजूलखर्ची के साथ संवैधानिक रूप से भी गलत है.