➤ मनाली–लेह सामरिक मार्ग दारचा से आगे वाहनों की आवाजाही अगले आदेशों तक बंद
➤ ब्लैक आइस और गिरते तापमान से सफर जोखिम भरा, मार्ग अब अगले साल जून में खुलेगा
➤ माइनस तापमान में बसें जाम, एचआरटीसी ने योचे–नैनगार रूटों पर संचालन रोका
केलांग (लाहौल-स्पीति)। मनाली–लेह सामरिक मार्ग पर दारचा से आगे वाहनों की आवाजाही सोमवार से पूरी तरह बंद कर दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों और पर्यटकों को दारचा तक आने-जाने की अनुमति बनी रहेगी, लेकिन दारचा से लेह की ओर सफर पर अगली सूचना तक रोक रहेगी।
मार्ग पर जम रही ब्लैक आइस के कारण फिसलन बेहद बढ़ गई है, जिससे सफर अत्यधिक जोखिम भरा हो गया है। सामरिक महत्व के इस मार्ग पर अब सेना के जवान और पर्यटक अगले वर्ष मई–जून में ही यात्रा कर सकेंगे।
दारचा से शिंकुला तक फिलहाल यातायात सुचारु है, लेकिन तापमान लगातार गिरने और बर्फ जमने से स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। स्थानीय पर्यटन कारोबारियों ने मांग उठाई है कि बारालाचा दर्रे तक आवाजाही बर्फबारी शुरू होने तक खुली रखी जाए, ताकि पर्यटन कारोबार को नुकसान न हो। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सख्त रुख अपनाया है।
डीसी लाहौल-स्पीति किरण भड़ाना ने कहा कि मार्ग की स्थिति और मौसम में सुधार होने पर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर मार्ग की निरंतर निगरानी की जा रही है।
इधर, अत्यधिक ठंड का असर जनजातीय क्षेत्रों में एचआरटीसी बस सेवाओं पर भी पड़ा है। माइनस तापमान में बसें जाम होने लगी हैं, जिसके चलते एचआरटीसी केलांग डिपो ने योचे और नैनगार रूट अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं।
निगम प्रबंधन के अनुसार, इन गांवों में रात को तापमान अत्यधिक गिरने के कारण सुबह बसें स्टार्ट नहीं हो पा रहीं, जिससे संचालन प्रभावित हो रहा है। बस सेवा बंद होने से योचे गांव के लोगों को दारचा तक 12 किलोमीटर, जबकि नैनगार के लोगों को मूरिंग जीरो प्वाइंट तक 14 किलोमीटर पैदल जाना पड़ रहा है।
लोगों ने निगम से अनुरोध किया है कि मौसम अनुकूल रहने पर सप्ताह में दो–तीन दिन दिन के समय बसों की आवाजाही शुरू की जाए। केलांग डिपो के अड्डा इंचार्ज सुनील कपूर ने बताया कि अत्यधिक ठंड की वजह से बसें स्टार्ट न होने के कारण दोनों रूटों पर संचालन रोकना पड़ा है।



