मंडी जिला में भारी बारिश से वीरवार को चंडीगढ़- मनाली एनएच समेत जिला की करीब 32 सडक़ें भूस्खलन के कारण प्रभावित रही। थुनाग में मलबे की चपेट में आकर एक निर्माणाधीन मकान के ढांचे को नुकसान पहुंचा है। जबकि गोशाला ढ़ह गई है। मवेशी बाल बाल बचे हैं। एनएच सात मील के पास सुबह साढे पांच बजे भूस्खलन से बंद हो गया। सुबह 11 बजे के करीब एनएच बहाल कर दिया गया। लेकिन दोपहर 12 बजे फिर से मार्ग बंद हो गया। जिससे सडक़ पर वाहनों की लंबी कतारे लग गई। बड़े बड़े पत्थर गिरने से कई जगह से सडक़ क्षतिग्रस्त भी हुई है। भूस्खलन होने के बाद इसे करीब एक बजे वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया। इस दौरान कुल्लू-मनाली की तरफ जाने वाले वाहनों को वाया कटौला-बजौरा के रास्ते भेजा गया।
वीरवार को जिला भर में 32 सडक़ मार्ग भूस्खल से बाधित रहे। सांय तक जिन्हें बहाल करवा दिया गया। केवल चार मार्ग बहाल होना शेष रहे हैं। यह मार्ग मंडी-अनकैंची,-कुशमल कोटली, सनारली-शंकर देहरा वाया रायगढ़ जंजैहली और सुरसी काहन- नांदला-चन्याण-जस्सल मार्ग बाधित चल रहे हैं। अधिशाषी अभियंता लोनिवि मंडी सुरेश कुमार धीमान ने इसकी पुष्टि की है।
इधर, सराज क्षेत्र की ग्राम पंचायत थुनाग में बारिश के कारण मथुरा देवी पत्नी लाभ सिंह के निर्माणाधीन मकान व बुद्धिराम पुत्र मनी राम की गोशाला के पीछे से भारी भूस्खलन होने से भारी भारी नुकसान हुआ है। मथुरा देवी को करीब 3 लाख और बुद्धि राम के गौशाला में करीब 2 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। गौशाला से समय रहते पशुओं को बाहर निकाल दिया गया था। जिससे नुक्सान नहीं हुआ है।
एसडीएम थुनाग पारस अग्रवाल ने पुष्टि करते हुए बताया कि क्षेत्र में लोनिवि बंद सडक़ों को बहाल करने में जुटा है। सराजघाटी में लंबाथाच-शीलहिबागी-कलहनी और चियूनी -शैटाधार सडक़ें अवरुद्ध रही। लोनिवि के अधिशाषी अभियंता बलबीर ठाकुर ने बताया कि जेसीबी और मजदूर सडक़ बहाली में जुटे हैं। मंडी जिला के पधर उपमंडल की उरला पंचायत के कोटरोपी गांव में भी बारिश से एक गौशाला ढह गई। गौशाला में बंधे मवेशियों को लोगों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। भारी भरकम मलबा आने से गौशाला की चार दिवारी को भी नुकसान पहुंचा। पीडि़त परिवार ने गौशाला निर्माण हेतु आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। पंचायत प्रधान ममता मित्तल ने मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया है।