Categories: हिमाचल

मंडी: सख्ती के चलते दूसरे साल भी पराशर कमरूनाग के सरानाहुली मेलों में नहीं जा सके ज्यादा श्रद्धालु

<p>लगातार दूसरे साल भी मंडी जनपद के दो बड़े मेले व उत्सव सारानाहुली देव स्थलों पर नहीं मनाए जा सके। मंडी जिले की दो पर्वतमालाओं पर पहली आषाढ़ यानि 15 जून को लगने वाले मेले कोरोना प्रोटोकोल के कारण प्रशासन द्वारा की गई सख्ती के चलते मनाए नहीं जा सके। गौरतलब है कि मंडी जिले की उतरसाल पर्वतमाला पर समुद्रतल से साढ़े 9 हजार फीट की उंचाई पर स्थित द्रंग विधानसभा क्षेत्र में आने वाले पराशर मंदिर व झील पर इस दिन भारी मेला लगता है जिसमें न केवल पूरे इलाके बल्कि बाहरी जिलों से भी बड़ी तादाद में लोग आते हैं।</p>

<p>इसी तरह से नाचन क्षेत्र में कमरूघाटी पर्वतमाला में घने जंगलों के बीच देव कमरूनाग के मंदिर व झील पर भी इसी दिन विशाल मेला लगता है। दो तीन दिनों में लाखों लोग इन मेलों में अपने अराध्य देवताओं की पूजा अर्चना करने, माथा टेकने, मन्नतें मांगनें व मन्नतें पूरी होने पर अपनी भेंट अर्पित करने के लिए पहुंचते हैं। कमरूनाग झील में तो श्रद्धालु अपनी भेंट जो सोना चांदी, गहने, सिक्के व करंसी नोट होते हैं को अर्पित करके अपने को धन्य मानते हैं। तभी तो इस झील को सोने चांदी व नोटों का खजाना माना जाता है। भले निचले क्षेत्रों में गर्मी के बढ़ने के साथ ही इन स्थलों जो अब मंडी जिले के मशहूर धार्मिक पर्यटन स्थलों के तौर विख्यात हो चुके हैं में लगातार लोग जा रहे हैं।&nbsp;</p>

<p>यहां पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं। पैदल भ्रमण करने वाले भी यहां जाना &nbsp;पसंद करते हैं। ऐसे में प्रशासन के किसी एक रास्ते पर नाका लगाकर सबको रोकना तो संभव नहीं है और रोजाना लोग इन स्थलों पर पहुंचते रहे हैं मगर मंगलवार को मेलों को देखते हुए प्रशासन ने सख्ती बरती और लोगों को जाने नहीं दिया ताकि ज्यादा भीड़ संक्रमण का कारण न बन जाए।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>बंद हो चुके नोट अर्पित करके देवता के साथ भी ठगी करने से बाज नहीं आ रहे शरारती</strong></span></p>

<p>इधर, शरारती लोग अपने देवी देवताओं से ठगी करने में भी संकोच नहीं करते। इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब किसी ने नोटबंदी के दौरान बंद हो चुके 500-500 के नोट जो लगभग एक दर्जन से भी अधिक जान पड़ते हैं को ही झील में अर्पित कर दिया। यूं तो करंसी को पानी में फेंकना या नष्ट करना एक अपराध की श्रेणी में आता है। मगर आस्था से बशीभूत लाखों लोग धड़ल्ले से यहां पर ऐसा सदियों से करते आ रहे हैं। मगर जिस तरह से किसी ने बंद हो चुके नोटों को झील में अर्पित करके देवता के साथ ही मजाक किया है उसे लेकर यहां पहुंचे श्रद्धालु जिसने भी इन नोटों को देखा काफी दुखी दिखे ।</p>

Samachar First

Recent Posts

युवा कांग्रेस में नए नेतृत्व की शुरुआत, अखिलेश और अनिरुद्ध की जीत

  Himachal Pradesh Youth Congress: हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के आंतरिक चुनावों के परिणाम घोषित…

2 hours ago

राहुल गांधी पर हिंसा के आरोप को कांग्रेस ने बताया कुंठित मानसिकता

Rahul Gandhi BJP Conspiracy: कांग्रेस के प्रदेश पूर्व मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने गृह मंत्री…

2 hours ago

हाईकोर्ट के आदेश के बाद चमियाणा अस्पताल में सोमवार को शुरू होगी ओपीडी

शिमला के चमियाणा अस्पताल में सोमवार से शुरू होगी 6 ओपीडी हाईकोर्ट के आदेश के…

3 hours ago

मंडी में दिव्यांगजनों को वितरित किए गए कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण

Mandi Divyangjans Empowerment: जिला प्रशासन और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहयोग से मंडी…

3 hours ago

संजौली मस्जिद मामला: वक्फ बोर्ड रिकॉर्ड पेश नहीं कर सका, अगली सुनवाई 15 मार्च को

Sanjauli Mosque Case Hearing: संजौली मस्जिद मामले में मंगलवार को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट चक्कर…

3 hours ago

शिवानी बेस्ट स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर

  Nouhli School Annual Function: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नौहली में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह…

5 hours ago