मंडी: विशेष न्यायधीश मंडी की अदालत ने पंचायत प्रधान को सार्वजनिक तौर पर जातिसूचक कहने वाले आरोपी को दोष सिद्ध हो जाने 2 साल की कैद व 20 हजार रूपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई। जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने इस मामले के बारे में बताया कि पीड़िता शिकायत के समय ग्राम पंचायत की प्रधान थी।
उसने 2 मार्च 2016 को पुलिस थाना सरकाघाटन में एक शिकायत दर्ज करवाई कि 27 फरवरी 2016 को जब वह पंचायत में आए एक मामले की जॉंच के लिए अन्य सदस्यों के साथ मौका पर गई तो उसने प्रधान होने के नाते गांव के भी कुछ लोगों को वहां पर बुलाया। उन्हीं में से एक हुक्म चंद उर्फ खेमू वहां पर आया और उसने उसे जाति सूचक शब्द कहे और गाली गलौच भी किया। उसकी शिकायत पर सरकाघाट थाना में मामला दर्ज किया गया और मामले की छानबीन उस समय के डीएसपी संजय भाटिया ने की जिस आधार पर अदालत में चालान पेश किया गया।
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 9 गवाहों के ब्यान कलमबद्ध करवाए थे। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद हुक्म चंद उर्फ खेमू पुत्र सुंदर सिंह निवासी गांव कोठी रोपा डाकघर, थीना गलू तहसील सरकाघाट को अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम 1989 की धारा 3 के तहत 2 वर्ष की कैद व 20 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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