illegal construction cases : मंडी नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ जारी किए गए 225 नोटिसों की पहली सुनवाई शुक्रवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में की गई। आयुक्त एचएस राणा ने बताया कि इस प्रक्रिया में पहले दिन पुरानी मंडी के 10 मामलों की सुनवाई की गई। यह कोर्ट सप्ताह में दो दिन चलेगी, जिसमें प्रति माह लगभग 80 मामलों की सुनवाई की जाएगी। इस प्रक्रिया को 2 से 2.5 महीनों में निपटाने की योजना है।
आयुक्त ने बताया कि सुनवाई से पहले लोगों को यह स्पष्ट किया जाता है कि उनसे किस प्रकार की गलती हुई है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के कानूनों, विशेषकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों के बारे में लोग अभी पूरी तरह से अवगत नहीं हैं, जिस कारण अवैध निर्माण के मामले सामने आ रहे हैं। राणा ने कहा कि लोग इन नोटिसों को हल्के में ले रहे हैं, जबकि ये कानून उतने ही गंभीर हैं जितने कि आपराधिक कानून और भारतीय दंड संहिता (IPC)।
एचएस राणा ने नागरिकों से अपील की कि वे इन कानूनों का पालन करें, क्योंकि ये उनकी भलाई के लिए बनाए गए हैं और इसमें किसी भी व्यक्ति विशेष या सरकार का कोई लाभ नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राजनीतिक दबाव इन मामलों पर असर नहीं डाल सकता और सभी को कानून का पालन करना आवश्यक है।
बता दें कि प्रारंभिक तौर पर नगर निगम ने 306 नोटिस जारी किए थे, लेकिन 2022 के बाद हुए अवैध निर्माणों को पहले चरण में शामिल किया गया है, जिनकी संख्या 225 है। नगर परिषद के समय हुए अवैध निर्माणों की सुनवाई दूसरे चरण में की जाएगी।
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